- बाल विवाह करवाना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध : दीपक बाबूलाल करवा
Aaj Samaj (आज समाज), Akshaya Tritiya,नीरज कौशिक, नारनौल : बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। बाल विवाह को रोकने के लिए पूरे समाज का सहयोग जरूरी है। 10 मई को आने वाली अक्षय तृतीया (अक्खा तीज) के अवसर पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है। सभी प्रशासनिक अधिकारी बाल विवाह की सूचना मिलने पर तुरंत आगामी कार्रवाई सुनिश्चित करें। यह बात अतिरिक्त उपायुक्त दीपक बाबूलाल करवा (आईएएस) ने आज अपने कार्यालय में बाल विवाह के संबंध में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजरों की बैठक में कही।
एडीसी ने कहा कि बाल विवाह से जहां एक और पति और पत्नी का शारीरिक विकास नहीं हो पाता वहीं दूसरी और उनके होने वाले बच्चों की भी ठीक से परवरिश नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के को नाबालिग माना जाता है। यदि कम आयु में विवाह किया जाता है तो यह संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है तो 2 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
उन्होंने समस्त जनसाधारण गांवों के मौजिज लोगों, सरपंचों, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी वर्कर, टैंट हाउस, विवाह समारोह स्थल, नगर पार्षदों व समाज सेवियों से अपील की है कि आने वाली 10 मई अक्षय तृतीया (अक्खा तीज) के दिन आयोजित होने वाले बाल विवाह को रोकने में मदद करें।
पुलिस हैल्पलाइन 112, मैजिस्ट्रेट या चाइल्ड हैल्पलाइन 1098 पर दें बाल विवाह की सूचना
उन्होंने कहा कि बाल विवाह के आयोजन से संबंधित जानकारी देने के लिए आमजन बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, पुलिस हैल्पलाइन 112, मैजिस्ट्रेट या चाइल्ड हैल्पलाइन नम्बर 1098 पर संपर्क कर सूचना दें सकते हैं।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास से जिला कार्यक्रम अधिकारी संगीता यादव, संरक्षण अधिकारी एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरीता शर्मा व सुपरवाइजर मौजूद थी।
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