पंथ के नाम पर वोट मांगने वालों ने संसद में कभी पंजाब की बात नहीं की
Punjab Political News (आज समाज)बाबा बकाला : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शिरोमणि अकाली दल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पंथ के नाम पर वोट मांगने वाली इस पार्टी ने कभी भी संसद में पंजाब के मुद्दों पर आवाज नहीं उठाई। रखड़ पुण्या के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान एक बड़े जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि पंथ के नाम पर सत्ता का सुख भोगने वाले नेता संसद में पंजाब के मुद्दों पर मूक दर्शक बने रहे।
जालंधर पश्चिम उपचुनाव में बुरी तरह हारने के बाद राजनीतिक गुमनामी में चले गए विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चुनाव के बाद विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को ऐसा बड़ा झटका लगा है कि वे राजनीतिक क्षेत्र से ‘गायब’ ही हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने इन नेताओं को साफ तौर पर बता दिया है कि अब राजनीति में परिवारवाद के लिए कोई जगह नहीं है, बल्कि आम लोगों की आवाज उठाने वाले नेता ही सत्ता के शिखर तक पहुंच सकते हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने 26 दिसंबर, 2018 को लोकसभा सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों को उनकी शहादत के दिन पर श्रद्धांजलि देने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि लोक सभा स्पीकर उनकी अपील से सहमत होते हुए संसद के इतिहास में पहली बार सम्मान के तौर पर साहिबजादों को श्रद्धांजलि भेंट की, जिन्होंने अत्याचार व बेइंसाफी के आगे हार नहीं मानी।
अकाली दल ने कभी साहिबजादों को संसद सम्मान के लिए निवेदन नहीं किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात पर हैरानी होती है कि अकाली दल ने कभी भी साहिबजादों को संसद सम्मान भेंट करने के लिए कोई निवेदन तक नहीं किया, जबकि यह पार्टी खुद को पंथप्रस्त और पंजाबप्रस्त होने का दावा करती है। पंजाब के मुद्दों के बारे में उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है?