Hanuman 12 Names, आज समाज डेस्क: मंगलवार का दिन बजरंगबली यानी हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। हनुमान जी के 12 नाम हैं और यदि भक्तगण इन दिव्य नामों का जाप करें तो उन्हें इसका कई गुना अधिक फल मिलता है। बजरंगबली जीवन के समस्त दु:खों को चंद मिनटों में दूर कर सकते हैं।

ये हैं 12 नाम, जाप से पास नहीं आतीं नकारात्मक शक्तियां

हनुमान, अंजनी सुत, महाबल, रामेष्ठ, पवन पुत्र, पिंगाक्ष, फाल्गुनसखा, उदधिक्रमण, अमितविक्रम, दशग्रीव दर्पहा, सीताशोकविनाशन और लक्ष्मणप्राणदाता हैं। इनका जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह भक्तों को भक्ति, शक्ति व साहस प्रदान करता है। बजरंगबली के 12 दिव्य नामों का जाप करने से नकारात्मक ताकतें पास नहीं आती हैं।

  • हनुमान : यह नाम बजरंगबली जी की वीरता व शक्ति का प्रतीक है। संस्कृत शब्द हनु से हनुमान बना है। इसका अर्थ होता है ठोड़ी। देवराज इंद्र के प्रहार करने पर दुनिया में इनका नाम हनुमान से प्रसिद्ध हुआ। इस नाम के जाप से बड़े से बड़ा संकट दूर हो जाता है।
  • अंजनी सुत : मां अंजनी के लाल होने के कारण बजरंगबली जी को अंजनी सुत के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम उनके जन्म और वंश का प्रतीक है। मान्यता है कि इसका जाप करने से शुभ फल मिलता है।
  • रामेष्ठ : भगवान राम के प्रति समर्पण और निष्ठा होने की वजह सो हनुमान जी को रामेष्ठ कहा गया। इसका मतलब है श्री राम जिसके इष्ठ आराध्य हों। इस नाम का जाप करने से भक्ति प्राप्त होती है और विश्व के समस्त दु:खों से मुक्ति प्राप्त होती है।
  • पवन पुत्र : वायु के देवता पवनदेव के मानस पुत्र होने के नाते बजरंगबली जी का नाम वायु या पवन पुत्र भी है। मान्यताओं के अनुसार इस नाम का नित्य जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और आत्मबल बढ़ता है।
  • पिंगाक्ष : यह नाम बजरंगबली की भूरी आंखों का प्रतीक है। विभिन्न धर्म ग्रंथों में हनुमान जी की आंखों का रंग भूरा बताया गया है।
  • फाल्गुनसखा: महाभारत में अर्जुन का एक नाम फाल्गुन था। हनुमान जी ने महाभारत में अर्जुन के रथ को संभाला था और उनकी मदद की थी। इस प्रकार महाभारत के अर्जुन व हनुमान परम मित्र बने। यह नाम हनुमान जी और अर्जुन की मित्रता का प्रतीक है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से मददगार व अच्छे मित्र मिलते हैं।

  • उदधिक्रमण: रामायण के अनुसार हनुमान जी माता सीता की खोज में जब लंका जा रहे थे तो उन्होंने समुद्र को लांघा था। उदधिक्रमण नाम बजरंगबली के समुद्र को लांघने की घटना का प्रतीक माना जाता है।
  • अमितविक्रम : हनुमान जी के पास असीमित वीरता व साहस है, जिस कारण उनका एक नाम अमितविक्रम भी है।  यह नाम उनकी अपार वीरता का प्रतीक भी है। मान्यता है कि इस नाम के जाप से चिंता, भय और शोक सब मिट जाते हैं।

  • दशग्रीव दर्पहा : हनुमान जी ने लंका पहुंच कर लंकापति नरेश रावण का घमंड चूर किया था। यह नाम उसी का प्रतीक है।
  • सीताशोकविनाशन: लंका पहुंच कर हनुमान जी ने मां सीता जी को श्री राम का संदेश देकर उनके दु:ख को कम किया था। इसलिए उनका एक नाम सीताशोक विनाशक भी है। यह नाम दु:खों और कष्टों को दूर करने वाला है, अत: आप इनके इस नाम का जाप नित्य कर सकते हैं।

  • लक्ष्मणप्राणदाता : संजीवनी बूटी लाकर बजरंगबली ने लक्ष्मण जी के प्राण बचाए थे, इसलिए उन्हें लक्ष्मणप्राणदाता कहते हैं। मान्यता है कि अगर प्राण संकट में आ गए हों तो इस नाम का जाप अवश्य करना चाहिए।

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