नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने स्टार पहलवान बजरंग पुनिया को देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड गुरुवार को भारतीय खेल प्राधिकरण के मुख्यालय में प्रदान किया। बजरंग विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों में व्यस्त होने के कारण 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन राष्ट्रपति भवन में यह अवार्ड लेने के लिए उपस्थित नहीं हो सके थे। खेल मंत्री ने बजरंग को यहां यह सम्मान प्रदान किया।
देश को 65 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में टोकियो ओलम्पिक का कोटा दिला चुके बजरंग को इसके साथ ही 32 लाख 70 हजार रुपये का नगद पुरस्कार भी प्रदान किया गया। खेल रत्न बनने के बाद बजरंग ने कहा, पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कोई भी खिलाड़ी अच्छा महसूस करता है और यह तो देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान है। मेरा पूरा ध्यान अब टोकियो ओलम्पिक पर लगा हुआ है और इस सम्मान के बाद जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है। मेरी तैयारियां अच्छी चल रही हैं। मैं 10-12 दिन से मैट पर ट्रेनिंग कर रहा हूं और अपनी चोट से उबर चुका हूं। मैं टोकियो में अपना सर्वश्रेष्ठ करूंगा और सभी के आशीर्वाद से स्वर्ण पदक जीतूंगा।
25 वर्षीय बजरंग को इस साल पद्मश्री सम्मान भी प्राप्त हुआ था। उन्हें 2015 में अर्जुन पुरस्कार मिला था। बजरंग ने अपने प्रदर्शन में लगातार निरंतरता रखी है और पिछले साल राष्ट्रमंडल तथा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्होंने 2019 में एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण तथा विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। खेल मंत्री ने एथलीट मोहम्मद अनस और शॉटपुटर तजिंदरपाल सिंह तूर को उनके अर्जुन अवार्ड प्रदान किये। एथलेटिक्स कोच मोहिंदर सिंह ढिल्लों को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किया गया। रिजिजू ने सभी खिलाड़ियों और कोच को बधाई दी।
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