नई दिल्ली। सीएए और एनआरसी को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे। कई स्थानों पर यह प्रदर्शन उग्र हो गए थे। उग्र हुए प्रदर्शनों के बाद हिंसा और तोड़फोड़ को अंजाम दिया गया था। यूपी के लखनऊ में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन हिंसात्मक हो गए थे। जिसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था। बाद में कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आज प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर, पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी, पवन राव अंबेडकर और कई को शुक्रवार को जमानत मिल गई है। सेशन कोर्ट द्वारा जमानत खारिज किए जाने के बाद जिला न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई। बता दें कि हजरतगंज पुलिस ने जफर और अन्य को आईपीसी की कई धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जफर के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताया गया था। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकार से याचिका पर दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वह राज्यपाल से मिलीं और उन्हें यूपी में आराजकता के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि यूपी सरकार ने “अमानवीयता की सभी हदें पार कर दी हैं।” प्रियंका ने जफर के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए जफर के घर पहुंचते ही रविवार को ट्वीट किया कि, “पुलिस ने बेबुनियाद आरोप लगाकर सदफ को जेल में डाल दिया है।”बता दें कि 19 दिसंबर को आंदोलन में 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। ‘प्रियंका ने बीते शनिवार रात सदफ के परिजन से लखनऊ स्थित अपने आवास पर मुलाकात की और उन्हें हिम्मत बंधाते हुए कहा था कि कांग्रेस उनके साथ मजबूती से खड़ी है।