Badrinath Yatra: बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खोले गए, हजारों भक्त बने पावन पल के साक्षी

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Badrinath Yatra

Aaj Samaj (आज समाज), Badrinath Yatra, देहरादून: बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद वैदिक मंत्रोच्चार और बद्री विशाल के जयकारों के साथ आज 6 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट भी ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही धाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों श्रद्धालु इस पावन पल के साक्षी बने। वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी तीर्थयात्रियों को धाम के कपाट खुलने की शुभकामनाएं दी।

मंगलमय जीवन की कामना

मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय जीवन की कामना की। कपाट खुलने के मौके पर श्री बद्रीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के सहयोग से आस्था पथ से लेकर धाम को आर्किड और गेंदे के 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। उत्तराखंड के चारधामों की यात्रा यमुनोत्री धाम से शुरू होती है, जो गंगोत्री और केदारनाथ होते हुए बद्रीनाथ धाम पहुंचती है। यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ के कपाट 10 मई को खोले गए हैं।

पहले खुलते हैं आदिकेदारेशवर मंदिर के कपाट

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले आदिकेदारेशवर मंदिर के कपाट खुलते हैं। परंपरा के अनुसार सुबह पांच बजे से बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसके तहत 5 बजकर 20 मिनट पर पर वैदिक मंत्र उच्चारण शुरू हुए। इसके साथ ही जब रावल ने बद्रीनाथ मंदिर के द्वार दरवाजे पर लगी सील को खोला, उसी समय राज दरबार के प्रतिनिधि कांता प्रसाद नौटियाल ने मंदिर के मुख्य द्वार का दरवाजा खोला और सर्वप्रथम बद्रीनाथ के रावल और बतला बड़वा ने मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश किया।

अन्य तीर्थ स्थलों पर भी जुटने लगी श्रद्धालुओं की भीड़

वहीं, भू-बैकुंठ धाम में अन्य तीर्थ स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। बता दें कि 2016 में 6,54355, वर्ष 2017 में 9, 20466 वर्ष 2018 में 10,48051 वर्ष 2019 में 12, 44993, वर्ष 2020 में 15,5055 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुंचे थे। 2021 में कोरोना संकट के कारण 1,97997 श्रद्धालु ही बद्रीनाथ आए। जबकि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के बाद 2022 में 17,63549 और 2023 में रिकॉर्ड 18, 39591 श्रद्धालुओं ने बद्री विशाल के दर्शन किए।

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