आज भी नहीं बदले जिले के सरकारी स्कूलों के हालात Bad Condition of Govt School

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Bad Condition of Govt School

सुरेन्द्र दुआ,नूंह:

Bad Condition of Govt School: जिला के सरकारी स्कूलों की जर्जर हाल इमारत और शिक्षकों की कमी से हालात बेशक अभी तक जिले में नहीं बदले हैं लेकिन निजि स्कूलों को मात देने के लिए शिक्षा विभाग ने कस्तुरबा गांधी विद्यालय, 12वीं तक सीबीएसई पाठयक्रम पर आधारित राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सै0 स्कूल व 74 प्राथमिक विद्यालय बनाए हैं।(Bad Condition of Govt School) जिला शिक्षा विभाग का दावा है कि प्रवेश के लिए विद्यार्थियों व अभिभावकों का उनकी तरफ रूझान बढ़ा है।

अधिकांश सरकारी स्कूलों के जर्जर हाल भवन व शिक्षकों की कमी

उल्लेखनीय है कि, जिला के अधिकांश सरकारी स्कूलों के जर्जर हाल भवन व शिक्षकों की कमी का मामला जिला से लेकर विधानसभा तक गूंज चुका है। सरकारी स्कूल के खराब हालात के चलते पढऩे वाले विद्यार्थी निजि स्कूल में दाखिला लेने को मजबूर हैं। यह परम्परा वर्ष 2005 में नया जिला बनने से चली आ रही है।(Bad Condition of Govt School) इसके अलावा जिला के विद्यार्थी पलवल, सोहना,गुरूग्राम, तावडू,धारूहेडा, भिवाड़ी आदि के निजि स्कूलों में पढते हैं। जबकि बाई(नूंह) में नवोदय, पुलिस लाईन में डीएवी व जिला प्रशासन की देख रेख में सीबीएसई पाठयक्रम पर आधारित मेवात मॉडल स्कूल संचालित हैं और इनमें जिला के अधिकारियों के बच्चें तक शिक्षा ग्रहण नहीं कर रहे हैं।

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74 प्राथमिक विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने की कवायद शुरू

लेकिन अब जिला शिक्षा विभाग ने 12 सीबीएसई पाठयक्रम पर आधारित संस्कृत मॉडल स्कूल व 74 प्राथमिक विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने की कवायद शुरू की हैं और प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को तय मानक के आधार पर ही दाखिला देने के निर्देश हैं।(Bad Condition of Govt School) पूर्व में जिला के सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर चुके विद्यार्थी वकील, जज, डाक्टर, इंजिनियर, आईएएस, आईपीएस, एचसीएस आदि बन चुके हैं। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी डा0 अब्दुल रहमान ने शुक्रवार सांय माना कि महकमें ने 12 राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सै0 स्कूल को मॉडल संस्कृति विद्यालय व 74 प्राथमिक स्कूलों में गुणवत्ता शिक्षा के लिए बनाये हैं और इसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।

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