Back Pain: आजकल कि लाइफ़स्टाइल ही ऐसी हो गई है कि कमर दर्द, पीठ दर्द बहुत ही ज्यादा आम बात है। इसके पीछे की वजह है कि वर्क प्रेशर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोगों को कई घंटों तक ऑफिस में लगातार एक ही पोजीशन में बैठना पड़ता है। इस कारण शरीर के अलग अलग हिस्सों में कुछ समय के बाद दिक्कतें होना शुरू हो जाती हैं। ये समस्या इतना ज्यादा भयानक रूप तब लेती है जब व्यक्ति को बैठने से लेकर खड़े होने तक में कई सारी समस्यायों और दर्द का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में हम अपको बताएंगे कि पीठ या कमर में दर्द बढ़ जाए तो ये किन बीमारियों का संकेत देते हैं और इनसे बचने के क्या क्या तरीके हैं:
हर्नियेटेड
आपकी रीढ़ की स्माल बोन दरअसल कशेरुकाओं से बनी होती है। ये रीढ़ की हड्डी का निर्माण करने के लिए एक दूसरे के उपर ही खड़ी रहती है। जितनी भी ये कशेरुकाओं होती हैं इनके उपर जेल जैसा कुशन होता है जिसे डिस्क भी कहते हैं। ये जेल हड्डियों को एक दूसरे को रगड़ने से बचाता है। लेकिन धीरे धीर जब पोस्टर चेंज होने पर कुशन में उभार आने लगता है तब इसका प्रेशर नर्व के उपर पड़ता है। जिससे बैक में दर्द की प्रॉब्लम बढ़ जाती है।
मांसपेशियों में खिंचाव आना
ज्यादा वेट उठाने, एकदम से गिरने या मुड़ने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के लिगामेंट में खिंचाव आता है। ऐसे में ये लगातार दर्द होती है और बैठने व उठने में ऐंठन उठती है। जिससे व्यक्ति को कई सारी समस्याएं हो सकती हैं।
गठिया
गठिया पीठ के नीचे के पार्ट में बुरा असर डालती है। जब ये ज्यादा बढ़ जाता है तो रीढ़ की हड्डी के आस पास की जगह एकदम सिकुड़ जाती है। इसे स्पाइनल स्टेनोसिस भी कहते हैं।
स्कोलियोसिस
स्कोलियोसिस दरअसल एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें रीढ़ की हड्डी एक ओर मुड़ जाती है, इसके होने से पीठ में दर्द बना रहता है।
बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय
रोजाना एक्सरसाइज करें
रोजाना ऐसी एक्सरसाइज जरूर करें जिसमें सभी मांसपेशियों की मूवमेंट हो। क्योंकि एक्सरसाइज को रोज करने से मांसपेशियां बेहतर तरीके से काम कर पाती है और इनके खींचाव का खतरा भी कम हो जाता है।
वेट को कंट्रोल में रखें
जब आपका वेट जरूरत से ज्यादा होता है तो पीठ की मांसपेशियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में यदि आपका वेट ज्यादा है तो उसे कम करने कि कोशिश करें।
हेवी आइटम्स उठाने से बचें
भारी समान उठाने को अवॉइड करें और अपने पोस्टर पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देते रहें। वहीं, ज्यादा भारी समान है तो कोशिश करें कि अलग अलग लेकर जाएं इन्हें एक साथ लेकर जाने से बचें।