Bachchan Family News: अमिताभ बच्चन का इस वजह से पूरा नहीं हुआ परिवार से किया वादा

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Bachchan Family News अमिताभ बच्चन का इस वजह से पूरा नहीं हुआ परिवार से किया वादा
Bachchan Family News : अमिताभ बच्चन का इस वजह से पूरा नहीं हुआ परिवार से किया वादा

Bollywood Superstar Amitabh Bachchan, (आज समाज), मुंबई: महानायक अमिताभ बच्चन ने 18 वर्ष पहले अपने परिवार के साथ एक बड़ा वादा किया था, लेकिन शायद पारिवारिक उलझन के चलते यह वादा पूरा नहीं हो पाया। सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाहें हैं कि 17 साल की शादी के बाद अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय के बीच अब दरार आ गई है। दरार न केवल पति-पत्नी के बीच, बल्कि घर की बहू और बच्चन परिवार के बीच भी है। हालांकि, इन अफवाहों पर किसी ने अभी तक कुछ नहीं कहा है, पर सोशल मीडिया पर लगातार सामने आ रही तस्वीरें और वीडियो लोगों के मन में शक पैदा कर रहे हैं।

अधूरे सपनों की कहानी में बदला वादा

अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं, लेकिन बहू-बेटे के रिश्तों को लेकर उन्होंने फिलहाल चुप्पी साध रखी है। हालांकि अपनी क्रिप्टिक पोस्ट के साथ वह लोगों के दिलों की धड़कने बढ़ाने का काम कर रहे हैं। अमिताभ ने अपने परिवार के साथ एक बार जो बड़ा वादा किया था वह तब से अधूरे सपनों की कहानी में बदल गया है।

जो हुआ वह चौंकाने वाला

दरअसल अमिताभ ने साल  2008 में बेटे अभिषेक, पत्नी जया बच्चन और बहू ऐश्वर्या राय बच्चन से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के दौलतपुर गांव में ऐश्वर्या के नाम पर एक कॉलेज खोलने का वादा किया था। इसका नींव पत्थर भी रख दिया गया था। परिवार ने यह भी तय कर लिया था कि इसका नाम ‘ऐश्वर्या बच्चन कन्या महाविद्यालय’ रखा जाएगा, जो कथित तौर पर उच्च माध्यमिक स्कूल होगा। यानी कक्षा 9 से 12वीं तक की लड़कियां स्कूल में पढ़ेंगीं, लेकिन जो हुआ वह चौंकाने वाला है।

महज खाका बनकर रह गया इस काम का वादा

जमीन के सौदे से स्कूल का नक्शे तक की खबरों ने सुर्खियां बटौरीं लेकिन अफसोस योजनाओं के बावजूद स्कूल महज खाका बनकर रह गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमिताभ ने यह प्रोजेक्ट निष्ठा फाउंडेशन को सौंप दिया, जिसकी कमान जया प्रदा के पास थी। वादा पूरा होते देखने के लिए उत्सुक ग्रामीणों ने निर्माण के लिए 10,000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि की पेशकश भी की। फिर भी, कॉलेज एक अधूरा सपना बनकर रह गया। करीब 10 साल तक जब सपने साकार नहीं हुए तो 2018 में, दौलतपुर के लोगों ने इसे इसकी कमान अपने हाथों में ली और स्कूल की जगह सफलतापूर्वक एक डिग्री कॉलेज की स्थापना की है।