Baby Care: नवजात शिशु का हेयर लॉस होना उनके शारीरिक विकास एक हिस्सा है। डॉक्टर के अनुसार, जन्म के बाद 6 महीने तक अगर शिशुओं को हेयर लॉस हो रहा है, तो यह एक आम प्रक्रिया है। इस प्राकृतिक प्रक्रिया को टेलोजेन एफ्लुवियम कहा जाता है। दरअसल, मां के गर्भ के दौरान के दौरान शिशु के सिर पर जिन बालों का विकास होता है, वह परमानेंट नहीं होते हैं। जन्म के 6 महीने के बाद तक शिशु के बाल जड़ पकड़ना शुरू करते हैं और परमानेंट बनते हैं। इस दौरान हेयर लॉस हो सकता है। डॉक्टर के अनुसार, जन्म के बाद जिन जगहों से शिशुओं को हेयर लॉस की समस्या होती है, वह एक वक्त के साथ धीरे-धीरे ठीक हो जाती है।
हार्मोनल परिवर्तन:
जन्म के बाद हार्मोनल परिवर्तन के कारण कई शिशुओं को हेयर लॉस की समस्या होती है। दरअसल, गर्म के अंदर शिशु काफी गर्म तापमान में होता है और जैसे ही बाहर आता है, तो इसका शरीर ठंडा पड़ने लगता है, जिसकी वजह से हेयर लॉस हो सकता है।
घर्षण
जो शिशु बहुत समय अपनी पीठ के बल लेटे रहते हैं, उनके सिर के पीछे के बाल चले जाते हैं। इस प्रकार का हेयर लॉस आमतौर पर अस्थायी होता है और जब शिशु बैठना और घूमना शुरू कर देता है, तो बाल वापस उग आते हैं।
रगड़ना या खरोंचना:
कई बार नवजात शिशु अपने सिर को बहुत ज्यादा रगड़ते या खरोंचते हैं, जिसकी वजह से भी उन्हें हेयर लॉस की समस्या होती है।
शिशुओं में हेयर लॉस रोकने के लिए क्या करें
शिशुओं में हेयर लॉस की समस्या 6 महीने तक होती है। इसमें घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं हैं। जिन शिशुओं को हेयर लॉस की समस्या है वह, इसे रोकने के लिए नीचे बताए गए टिप्स को फॉलो करें।
स्कैल्प को साफ रखें: शिशुओं की स्कैल्प को साफ रखने के लिए हल्के बेबी शैंपू का इस्तेमाल करें।
नरम ब्रशिंग: नरम-ब्रिसल वाले ब्रश से शिशुओं के बालों को धीरे से ब्रश करें।
टमी टाइम: शिशु के सिर के पीछे घर्षण को कम करने के लिए उन्हें टमी टाइम ज्यादा दें