आज समाज डिजिटल, पानीपत (समालखा) | Babita Tyagi : पानीपत के समालखा में बुधवार इंडिया न्यूज पर ‘हम महिलाएं’ कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कई महिलाएं मंच पर पहुंचीं। कार्यक्रम के दौरान शिक्षाविद बबीता ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि युवा वर्ग को आज दिशा दिखाने वालों की कमी।
उन्होंने कहा कि कुछ दशक पहले हमारे आस पड़ौस में बुजुर्ग या फिर हमारे परिवार के बड़े सदस्य हमें अच्छे बुरे के बारे में बताते थे। आज स्थिति यह है कि परिवार में मां बाप को भी पता नहीं होता कि बच्चे क्या कर रहे हैं। जिससे समाज में मार्गदर्शन की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि अभिभावकों, अध्यापकों को यह जिम्मेदारी संभालनी होगी कि युवा वर्ग को सही दिशा दिखाई जाए। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी में पहले की अपेक्षा ज्यादा ऊर्जा व ताकत है। इन्हें केवल सही दिशा दिखाने की जरुरत है इसके बाद ये हमारे से ज्यादा अच्छे तरीके से अपने लक्ष्य हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि ऊंचे लक्ष्य तय करने के साथ-साथ युवा अपने परिवार की आर्थिक स्थिति भी समझें। उन्होंने कहा कि गरीबी को काटने का तरीका शिक्षा ही है।
केवल अंकों के पीछे न भागें युवा : Babita Tyagi
बबीता त्यागी ने कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को संदेश दिया की वे केवल अंकों के पीछे न भागें। उन्होंने कहा कि युवा अंकों के साथ-साथ अपने ज्ञान को भी बढ़ाएं। जिससे उनके व्यक्तित्व में निखार आए। उन्होंने कहा कि आज हम देखते हैं कि बच्चों में ज्यादा से ज्यादा अंक हासिल करने की होड़ रहती है। जिससे वे आजकल तनाव में नजर आ रहे हैं। बच्चे मानसिक व शारीरिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। जिससे समाज का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज बच्चों को परिवार की परिभाषा समझाने की बहुत ज्यादा जरूरत है। बच्चों को ईमानदार, समझदार बनाने की जरूरत है ताकि समाज निर्माण में अपना योगदान दे सकें।
शिक्षक के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
कार्यक्रम के दौरान बबीता त्यागी ने समूचे शिक्षक समाज को ये आह्वान किया कि हमें बच्चों में ऐसे गुण विकसित करने चाहिए जिससे वे जीवन में आने वाले उतार चढ़ाव का बेहतर तरीके से सामना कर सकें। बच्चों को एक जिम्मेदार नागरिक बनाने में शिक्षक की सबसे ज्यादा भूमिका रहती है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को ऐसे बच्चे तैयार करने होंगे जो जिंदगी में नाकामयाबी मिलने पर आत्महत्या के बारे में न सोचें। उन्होंने कहा कि लड़कियों को अपने लक्ष्य पर मजबूती के साथ खड़े रहना होगा। उन्हें फब्तियों को अनसुना करके आगे बढ़ना होगा।
असली भारत में गांवों में बसता है
बबीता त्यागी ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश का विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक गांवों का विकास नहीं होगा। उन्होंने कहाकि आज भी देश के सैंकड़ों गांव ऐसे हैं जहां पर मूलभूत सुविधाओं का टोटा है। जहां लोगों को उपचार करवाने के लिए कई मील का सफर तय करना पड़ता है। जहां बच्चों की शिक्षा के लिए कोई स्कूल नहीं है। उन्होंने कहा कि जबतक उन गांवों तक विकास की रोशनी नहीं पड़ती तब तक विकसित भारत का सपना पूरा नहीं हो सकता।
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