Ayushman Card: कचरे के ढेर में मिले हजारों आयुष्मान कार्ड, संबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ होगी कार्रवाई:एडीसी

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कचरे के ढेर में मिले हजारों आयुष्मान कार्ड
कचरे के ढेर में मिले हजारों आयुष्मान कार्ड

Aaj Samaj, (आज समाज),Ayushman Card,करनाल, 3मई, इशिका ठाकुर:

जिला सचिवालय में कचरे के ढेर में मिले हजारों आयुष्मान कार्ड, एडीसी ने कहा संबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ होगी कार्रवाई

नए आयुष्मान कार्ड बने हुए कचरे के ढेर में पड़े थे

करनाल प्रशासन के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है जहां पर आज करनाल के लघु सचिवालय में टॉयलेट के बाहर बने कचरे के ढेर में हजारों की संख्या में नए आयुष्मान कार्ड पड़े हुए दिखाई दिए हैं. आयुष्मान कार्ड के साथ कुछ अन्य कार्ड भी पड़े हुए दिखाई दिए थे. जैसे ही मीडिया को इसकी जानकारी मिली तो मीडिया ने मौके पर जाकर देखा तो वहां पर हजारों की संख्या में नए लाभार्थियों के नए आयुष्मान कार्ड बने हुए कचरे के ढेर में पड़े थे. कहीं ना कहीं लाभार्थियों तक उनके नए आयुष्मान कार्ड पहुंचाने की बजाय करनाल के लोगों सचिवालय के टॉयलेट के बाहर कचरे के ढेर में यह आयुष्मान कार्ड किसने डाले यह एक जांच का विषय है लेकिन कहीं ना कहीं जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों की इस मामले को लेकर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है.

कचरे के ढेर में मिले हजारों आयुष्मान कार्ड
कचरे के ढेर में मिले हजारों आयुष्मान कार्ड

हरियाणा सरकार ने हरियाणा की जनता के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई हुई है उनमें से एक योजना है आयुष्मान कार्ड योजना. आयुष्मान कार्ड उन लोगों का बनाया जाता है जिनकी सालाना आय ₹180000 से कम होती है. और हरियाणा में जितनी भी योजनाएं चलाई हुई है उनमें से है एक अहम योजना है. इस कार्ड के तहत गरीब लोगों का ₹500000 तक का फ्री में इलाज किया जाता है. यह इलाज वह किसी भी प्राइवेट या सरकारी हॉस्पिटल में 500000 तक जो भी बीमारी हो उसका वह इलाज करवा सकते हैं.

आयुष्मान कार्ड में एक परिवार के सभी सदस्य शामिल किए जाते हैं ताकि परिवार का कोई भी सदस्य का बीमार होता है तो उसको सरकार की इस आयुष्मान कार्ड का लाभ मिल सके उसके पैसे खर्च ना हो. जहां सरकार लाखों रुपए लगाकर नए आयुष्मान कार्ड बनाने का काम कर रही है तो वहीं पर संबंधित विभाग के कर्मचारी व अधिकारी इन कार्डों को कचरे के बराबर समझते हैं जिसका जीता जागता उदाहरण आज करनाल के लघु सचिवालय में देखने को मिला जहां हजारों की संख्या में एकत्र के ढेर में आयुष्मान कार्ड पड़े हुए मिले.

इतनी बड़ी लापरवाही कैसे की गई और मामले की जांच भी की जाएगी

वहीं जब इस मामले के बारे में करनाल की एडीसी डॉक्टर वैशाली शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है फिलहाल अंदर जहां पर यह कार्ड बन कर आते हैं वहां पर सफाई का काम चल रहा था इसलिए इनको बाहर रख दिया था लेकिन जब उनसे सवाल किया गया कि कचरे के ढेर में और टॉयलेट के बाहर से कौन रखता है तब उन्होंने कहा कि यह लापरवाही है और जो भी कर्मचारी व अधिकारी आयुष्मान कार्ड का ब्यौरा रखता है उसको लिखित में नोटिस दिया जाएगा कि उनके द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही कैसे की गई और मामले की जांच भी की जाएगी . अगर सच में लापरवाही हुई तो संबंधित कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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