योजना का फंड न चुकाने पर फसी पंजाब सरकार
हाईकोर्ट ने दिए सख्त निर्देश, दो सप्ताह में देना होगा जवाब
Punjab Ayushman Bharat Scheme (आज समाज), पंजाब : राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करने वाली पंजाब सरकार आयुष्मान भारत योजना में फंसती नजर आ रही है। दरअसल पिछले कुछ समय से प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों ने इस योजना के तहत कार्ड होल्डर्स का उपचार करने से अपने पैर पीछे खींच लिए। जब लोगों ने इसका विरोध किया और बात प्रदेश सरकार तक पहुंची तो प्राइवेट अस्पताल यूनियन ने सरकार से बकाया राशि अदा करने की बात कही।
जिसके बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत एसोसिएशन के साथ बैठक की और मामले को सुलझाने की कोशिश की। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं है और कार्ड होल्डर्स को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आएगी।
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केंद्र सरकार से मिले 350 करोड़
इसी मामले में केंद्र ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत वह प्रदेश सरकार को अपने हिस्से 350 करोड़ रुपए जारी कर चुका है। अब प्रदेश सरकार ने यह 350 करोड़ अस्पतालों को न चुकाकर इसे कहां इस्तेमाल किया है यह नहीं पता। इसी के चलते यह केस हरियाणा व पंजाब हाईकोर्ट में चला गया है। जिसके बाद अब प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट को स्थिति स्पष्ट करनी होगी कि आखिर फंड का प्रयोग कहां किया गया।
प्रदेश सरकार को यह जवाब देना होगा
इस मामले में कोर्ट ने राज्य से 30 दिसंबर, 2021 से 24 सितंबर, 2024 तक बिलों के विरुद्ध किए गए भुगतानों का विवरण और भुगतान जारी होने की तारीख बताने को कहा है। अन्य अधिकारी जिनके वेतन भी कुर्क किए गए हैं, उनमें बबीता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दीपक, निदेशक और शरणजीत कौर, उप निदेशक, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, पंजाब शामिल हैं।
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