Ayurveda Day: स्वस्थ जीवन के लिए उपयोगी बनी रहेगी प्राचीन चिकित्सा पद्धति

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Ayurveda Day: स्वस्थ जीवन के लिए उपयोगी बनी रहेगी प्राचीन चिकित्सा पद्धति : पीएम मोदी
Ayurveda Day: स्वस्थ जीवन के लिए उपयोगी बनी रहेगी प्राचीन चिकित्सा पद्धति : पीएम मोदी

PM Modi On Ayurveda Day, (आज समाज), नई दिल्ली: आज धन्वंतरि जयंती और आयुर्वेद दिवस है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा, मैं सभी देशवासियों को आयुर्वेद दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि प्राचीन चिकित्सा पद्धति (आयुर्वेद सिस्टम) सम्पूर्ण मानवता के स्वास्थ्य जीवन के लिए उपयोगी बनी रहेगी। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉम एक्स पर यह बात कही।

पीएम आज देश को देंगे कई प्रोजेक्ट्स की सौगात

पीएम मोदी ने कहा, भगवान धन्वंतरि का यह पावन पर्व हमारी महान संस्कृति में आयुर्वेद की उपयोगिता और योगदान से जुड़ा है, जिसका महत्व आज पूरा विश्व स्वीकार कर रहा है। धन्वंतरि जयंती व 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री आज राष्ट्रीय राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में लगभग 12,850 करोड़ रुपए की लागत वाली स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कई परियोजनाओं का शुभारंभ, उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। आयुष मंत्रालय में एक कार्यक्रम भी आयोजित करेगा।

स्टार्टअप और उद्योग की महत्वपूर्ण भागीदारी

्रप्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इस वर्ष के समारोह में स्टार्टअप और उद्योग की महत्वपूर्ण भागीदारी होगी, जो आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार के केंद्र में रखेगा। प्रमुख आयुर्वेद विशेषज्ञों ने भी इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए अपने विचार और उम्मीदें व्यक्त की हैं। आयुष पेशेवर आयुर्वेद में नवाचार के इर्द-गिर्द इस वर्ष के समारोहों को लेकर विशेष रूप से उत्साहित हैं।

जानें क्या है डॉ. मनोज नेसारी का कहना 

आयुष मंत्रालय के सलाहकार और शिलांग में उत्तर पूर्वी आयुर्वेद और होम्योपैथी संस्थान (एनईआईएएच) के निदेशक डॉ. मनोज नेसारी ने कहा, आयुर्वेद में वैश्विक स्वास्थ्य के लिए नवाचार थीम को विशेष रूप से स्वास्थ्य के प्रचार और विभिन्न रोग स्थितियों के उपचार में आयुर्वेद की वैज्ञानिक प्रासंगिकता स्थापित करने के लिए आयुर्वेद में किए गए विशाल शोध कार्यों को उजागर करने के लिए चुना गया है। यह दुनिया भर के लोगों की स्वास्थ्य सेवा के लिए आयुर्वेद की प्रासंगिकता को भी उजागर करता है, चाहे उनका धर्म, जातीयता, सामाजिक स्थिति और भौगोलिक सीमाएं कुछ भी हों।

डाक्टर मनोज नेसारी ने कहा, नवाचार पर विशेष ध्यान हमारे युवाओं को आयुर्वेद में शामिल होने और स्टार्टअप स्थापित करने के लिए आकर्षित और प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा, मैं उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों में भी बहुत उत्साह देखता हंू और सभी उत्तर पूर्वी राज्यों में आयुर्वेद की बढ़ती स्वीकृति भी देखता हूं।

हर वर्ष धन्वंतरि जयंती पर किया जाता है आयोजन

गौरतलब है कि आयुर्वेद दिवस का आयोजन हर साल धन्वंतरि जयंती (धनतेरस) के शुभ अवसर पर किया जाता है। 2016 में अपनी स्थापना के बाद से आयुर्वेद दिवस ने वैश्विक महत्व प्राप्त कर लिया है। आयुर्वेद को बीमारियों के इलाज की सबसे प्राचीन तकनीकों में से एक माना जाता है। (इस रिपोर्ट की केवल हेडलाइन और तस्वीर को बिजनेस स्टैंडर्ड स्टाफ द्वारा फिर से तैयार किया गया हो सकता है; बाकी सामग्री सिंडिकेटेड फीड से स्वत: उत्पन्न होती है।)

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