नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद की सुनवाई लगातार जारी है। इसकी सुनवाई का आज आठवां दिन था। सुनवाई के दौरान रामलला विराजमान के वकील ने मंगलवार को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में मस्जिद का निर्माण करने के लिए हिंदू मंदिर गिराया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस वैद्यनाथन ने अदालत में कहा कि एएसआई की रिपोर्ट में मगरमच्छ और कछुए की आकृतियों का जिक्र है, जिसका मुस्लिम संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली, पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष उन्होंने एएसआई की रिपोर्ट से अन्य पुरातात्विक साक्ष्यों का हवाला देते हुए विवादित क्षेत्र में हिन्दू मंदिर होने के दावों को पुख्ता करने की कोशिश की। बता दें कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी हैं।