नई दिल्ली। अयोध्य में मंदिर-मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक मध्यस्थता पैनल का गठन किया था। जिसे इस विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने का जिम्मा दिया गया था। इस मध्यस्थता पैनल ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट को अपनी सीलबंद रिपोर्ट पेश कर दी है। अयोध्या विवाद मुद्दे पर शक्रवार को सुनवाई होगी। इस रिपोर्ट को देखने के बाद कोर्ट उसी दिन तय करेगा कि मध्यस्थता जारी रहनी चाहिए या मुकदमे की सुनवाई की जानी चाहिए। इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने 18 जुलाई को पैनल को 31 अगस्त तक प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाला तीन सदस्यीय पैनल बातचीत के जरिये इस विवाद का हल निकालने की कोशिश कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को मध्यस्थता पैनल का गठन किया था। पैनल में पूर्व जस्टिस एफएम कलिफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, सीनियर वकील श्रीराम पंचू शामिल हैं। मई में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस.अब्दुल नजीर की बेंच ने मध्यस्थता पैनल को इस मामले को सुलझाने के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया था। बेंच ने सदस्यों को निर्देशित किया था कि आठ हफ्तों में मामले का हल निकालें। पूरी बातचीत कैमरे के सामने हो।