- सनातन धर्म के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का विद्यार्थियों व शिक्षकों ने उठाया लाभ
- वैदिक सनातन धर्म के बारे में विस्तार से बता कर विद्यार्थियों को किया जागरण
Aaj Samaj (आज समाज),Awareness Program About Sanatan Dharma,नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ : आज सनातन धर्म के लिए हिंदू धर्म नाम ज्यादा प्रचलित है। इस धर्म के अनुयायियों को हिंदू या सनातनी कहा जाता है। शास्त्रों में सनातन धर्म का ही जिक्र मिलता है। हिंदू नाम बहुत बाद में प्रचलन में आया। एक निजी स्कूल में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के दौरान आचार्य मनोजीत ने विद्यार्थियों को वैदिक सनातन धर्म के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रुप की चेयरपर्सन ने की। स्कूल के प्रांगण में प्रोपकारणी सभा ऋषि उद्यान अजमेर के सौजन्य से वैदिन सनातम धर्म को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान आचार्य मनोजीत ने कहा कि धर्म का अर्थ होता है सही काम करना या अपने कर्तव्य पथ पर चलना।
धर्म को नियम भी कहा जा सकता है। हर धर्म के अपने कुछ विशेष नियम और रीति-रिवाज होते हैं। जिससे उस धर्म को एक अलग पहचान मिलती है। दुनिया में कई धर्म पाए जाते हैं जिनमें सनातन धर्म भी एक है। सनातन का शाब्दिक अर्थ है- शाश्वत या सदा बना रहने वाला यानी जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म जिसे हिन्दू धर्म अथवा वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है। इसे दुनिया के सबसे प्राचीनतम धर्म के रूप में भी जाना जाता है। इस मौके पर स्कूल की चेयरपर्सन ने कहा कि सनातन धर्म हमें प्रत्येक वस्तु, व्यक्ति में परमात्मा का दर्शन करने की शिक्षा देता है। सनातन धर्म हमें यही सिखाता है कि सच्चे हृदय से पश्चाताप करें तो प्रत्येक पाप के लिए मुक्ति की संभावना है। गलतियां करें, तब भी सच्चे मन से कोशिश करें कि फिर उन्हें न दोहराएं।
इस दौरान विद्यालय प्राचार्य ने बच्चों को जागरूक करने के लिए आचार्य मनोजीत का आभार जताते हुए कहा कि निश्चित रूप से विद्यालय के बच्चे उनकी बातों से लाभांवित होंगे। इस मौके पर स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
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