जगदीश, नवांशहर:
- देश में ज्यादातर बच्चों की मौत को रोका जा सकता है
- “बाल मृत्यु समीक्षा” (सीडीआर) पर जिला स्तरीय दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
माननीय सिविल सर्जन डॉ. श्री देविंदर ढांडा की अध्यक्षता में सिविल सर्जन कार्यालय में नवजात और पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से “बाल मृत्यु समीक्षा” (सीडीआर) पर दो दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। जिसमें जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डाॅ. प्रखंड चिकित्सा अधिकारियों एवं महिला चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए देविंदर ढांडा ने कहा कि बाल मृत्यु समीक्षा का मुख्य उद्देश्य मृत्यु के चिकित्सीय कारणों के बारे में जानकारी प्राप्त करना और साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में कमियों और मृत्यु के लिए जिम्मेदार सामाजिक कारणों की पहचान करना है।
बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए जागरूकता आवश्यक
उन्होंने कहा कि बाल मृत्यु दर को कम करने यानी रोकने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। इसलिए ऐसी घटनाओं के कारणों के बारे में लोगों को शिक्षित करने और उन्हें बचाने के लिए पर्याप्त जानकारी दी जानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और बच्चों की मृत्यु दर को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बच्चे की मौत घर में हुई है, सुविधा में हुई है या ट्रांजिट के दौरान हुई है, इसका ऑडिट किया जाएगा। इस अवसर पर प्रशिक्षक डाॅ. योगिता व डॉ. हरतेश सिंह पाहवा ने भी प्रतिभागियों की परीक्षा ली।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. डॉ. बलविंदर कुमार, जिला परिवार कल्याण अधिकारी। राकेश चंद्रा, जिला समूह शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जगत राम एवं प्रखंड विस्तार शिक्षक विकास विरदी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।