Avoid eating fake mangoes : नकली आम का अर्थ ये बिल्कुल मत समझिए की इन्हें किसी मशीन के द्वारा तैयार किया गया है। दरअसल, ये आम भी पेड़ों से ही तोड़े जाते हैं, लेकिन इन्हें जिस तरह से केमिकल डाल के पकाया जाता है, इसलिए इन्हें नकली आम कहा जाता है। इसके पीछे का कारण है की नकली आमों को पकाने के लिए कैल्सियम कार्बाइड ( Calcium Carbide) का इस्तेमाल किया जाता है। ये केमिकल हानिकारक होने के कारण बैन तक है, लेकिन फिर भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
किन तरीकों से पकाए जाते हैं ये नकली आम
कैल्शियम कार्बाइड नामक केमिकल एक तरीके का पत्थर होता है। वहीं, इसे लोग चूना पत्थर भी बोलते हैं। कैक्सियम कार्बाइड से आम को पकाने के लिए कच्चे आमों ( Raw Mangoes) के बीच कार्बाइड की पोटली को बनाकर कपड़े में लपेटकर रख दिया जाता है।
इसी के चारों ओर आम रखे जाते हैं, फिर आम की टोकरी को एक दम टाइट तरीके से पैक किया जाता है। इसके बाद इन्हें तीन चार दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है। इससे एक एसिटीलीन गैस बनकर तैयार होती है, जिससे फल पक जाते हैं। ये ट्रिक होती है कच्चे आमों को पका हुआ बनाने की। वहीं, कैल्सियम कार्बाइड का इस्तेमाल मेटल कटिंग और स्टील मैनुफैक्चरिंग के लिए भी किया जाता है।
सेहत के लिए क्यों खराब होते हैं ये आम
यदि आप अधिक समय तक कैल्शियम कार्बाइड से पके हुए आमों को खाते हैं तो इससे अल्सर, पेट दर्द, डायरिया, मितली की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा मूड स्विंग्स भी तेजी से होते हैं। ज्यादा गंभीर मामला बढ़ जाए तो व्यक्ति की सेहत भी खराब हो सकती है।