आज समाज डिजिटल, शिमला:
त्योहारी सीजन सिर पर हैं। इन दिनों हर व्यवसायी अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहता है। इस कमाई के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य पर क्या फर्क पड़ेगा, इसी चिंता किसी को नहीं। सीजन के चलते राज्य में इन दिनों कई तरह की मिठाइयां, फल, सब्जियां बेची जा रही हैं। इन चीजों में कई दुकानदार जम कर मिलावटखोरी कर रहे हैं और अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं। ऐसी मिलावटी चीजें खाकर इंसान स्वस्थ होने के बजाय बीमारियों का शिकार हो जाता है।
दूध ही जहरीला तो कैसे बनेका स्वास्थ्य
पंजाब, हरियाणा हिमाचल में इन दिनों दूध का उत्पादन तो उतना ही रहता है लेकिन इसकी मांग बहुत बढ़ जाती है। इसके बावजूद इन दिनों दुकानों में दूध से बनी चीजों के ढेर लगे होते हैं। सोचने वाली बात है कि आखिर ये चीजें बनाने के लिए दूध आया कहां से। इन सबसे साफ जाहिर होता है कि ये बनने वाली सारी चीजें मिलावटखोरी का नतीजा हैं। त्योहारी सीजन में बाजारों में मिलने वाली मिठाइयां ही नहीं बल्कि सब्जियां और फल भी मिलावट करके बनाए जाते हैं। कई तरह के केमिकल का टीका लगाकर फलों और सब्जियों को तैयार किया जाता है।
सैंपल लें तो हो जाएंगे फेल
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई दुकानों पर रेड करके खाने के सैंपल लिए जाते हैं। जब इन सैंपलों का टैस्ट होता है तो कई मिलावटी पाए जाते हैं। पंजाब केसरी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन दुकानदारों या हलवाइयों के सैंपल फेल होते हैं उन पर स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता। नतीजन ऐसे मिलावटखोर अपने कामों को अंजाम देते रहते हैं और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते रहते हैं। त्योहारी सीजन में बाजारों में मिलने वाली मिठाइयां, पनीर, खोया, फल, सब्जियां आदि मिलावटी होते हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाता बल्कि केवल सैंपल लेकर और उनके टैस्ट करवा कर खानापूर्ति कर देते हैं।
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