कहा, प्रदेश सरकार हैम्स तकनीक से परिवहन सेवाओं में बेहतर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी

Punjab Breaking News (आज समाज), रूपनगर : प्रदेश के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आरटीओ कार्यालय रोपड़ का दौरा करने के दौरान कहा कि ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के कामकाज में और पारदर्शिता और तेजी लाने के लिए, पंजाब सरकार जल्द ही हैम्स (हार्नेसिंग आॅटोमोबाइल फॉर सेफ्टी) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक पर आधारित आॅटोमेटेड ड्राइवर लाइसेंस टेस्ट सिस्टम विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि भारत में सड़क हादसों के बारे में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में सड़क हादसों के कारण हुई मौतें विश्व में सबसे अधिक थीं।

ज्यादात्तर सड़क हादसों में चालक की गलती

इस दौरान भुल्लर ने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में ज्यादातर सड़क हादसे ड्राइवर की गलती के कारण होते हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर ड्राइविंग व्यवहार और कौशल सुनिश्चित करना सडक सुरक्षा को बेहतर बनाने की कुंजी है और इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह नया प्रयास जल्द ही अमल में लाया जाएगा।

इस तरह काम करती है हैम्स तकनीक

कैबिनेट मंत्री ने आगे बताया कि इस हैम्स तकनीक के माध्यम से आंखों की आइरिस स्कैन भी की जाती है, जिससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि ड्राइविंग टेस्ट देने वाले की जगह कोई और व्यक्ति नहीं है और यह तकनीक आवेदकों के ड्राइविंग कौशल को परखने में बहुत प्रभावशाली है। भुल्लर ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को सभी सरकारी सेवाएं सरल ढंग और निर्धारित समय में उपलब्ध करवाना है, जिसके लिए इस हैम्स तकनीक के पायलट प्रोजेक्ट को लागू करने के उपरांत राज्य के सभी ट्रैक पर इसे लागू किया जाएगा।

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