संजीव कुमार, रोहतक:
औघड़ पीर साधु संतों की स्माधियां पुनर्निर्माण व महंत रमेशनाथ के साथ अभद्र व्यहार को लेकर पुलिस द्वारा नामजद लोगों के खिलाफ कोई कारवाई न करने से औघड़ पीर अनुयायियों में भारी आक्रोश है। अब अनुयायियों ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। साथ ही औघड़ पीर डेरे मामले में अनुयायियों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रजत कलसन के नेतृत्व में बुधवार को प्रतिनिधिमंडल डीएसपी गोरखपाल राणा से मिला और 30 नामजद लोगों के खिलाफ शिकायत दी।
औघड पीर अनुयायियों ने डीएसपी को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है और चेताया कि अगर दोषियों के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया तो दलित एवं पिछड़ा समाज सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा। औघड पीर अनुयायियों ने वर्ष 2020-2021 में हुए घटनाक्रम में पुलिस की कार्यशैली पर सवालियां निशान लगाए है।
नेशनल अलायंस और दलित हयूमन राइटस के पदाधिकारी रजत कलसन ने कहा कि अस्थल बोहर स्थित औघड पीर डेरे का संचालन गत चार पांच वर्षो से महंत रमेशनाथ करते आ रहे है। वर्ष 2020 में बाबा मस्तनाथ मठ के महंत ने औघड़ पीर साधु संतों की स्माधियों को हटवा दिया था, जिसके खिलाफ औघड़ पीर अनुयायियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते पुलिस ने दबाव में कोई कारवाई नहीं की। रजत कलसन ने बताया कि वर्ष 2021 में मठ के महंत के ही इशारे पर बोहर गांव के कुछ लोगों ने जिला प्रशासन के साथ साठगांठ कर औघड़ पीर डेरे के महंत रमेशनाथ के साथ अभ्रद व्यवहार कर डेरे से बाहर निकाल दिया और डेरे पर अपना कब्जा कर लिया। इस मामले को लेकर जिला प्रशासन द्वारा डेरे पर धारा 145 लगा दी गई थी, लेकिन हाल ही में एसडीएम ने अनुयायियों की राय लिए बिना ही डेरे का चार्ज दूसरे पक्ष को सौंप दिया, जिसको लेकर औघड़ पीर अनुयायियों में भारी आक्रोश है। रजत कलसन ने कहा कि उपरोक्त दोनो घटनाक्रम में पुलिस की कार्यशैली सही नहीं रही है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने उपरोक्त मामलो में नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
डीएसपी को शिकायत देने वालों में कृष्ण माजरा, अक्षय कुमार, दीपक सैनी, महेन्द्र बांगडी, मनीषा बोहत प्रमुख रूप से शामिल रहे। दरअसल मिशन एकता समिति की प्रदेश अध्यक्ष कांता आलडिया इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर सड़क से लेकर अदालत तक की पैरवी करने में जुटी हुई है।
डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि जिला में कोविड-19 संक्रमण के मामलें लगातार घटते जा रहे हैं और गति कतई धीमी पड़ गई है। लेकिन इसके बावजूद भी आमजन को सतर्क रहने की जरूरत है। बेपरवाही नुकसानदायक साबित हो सकती है। अभी तक कोविड-19 बीमारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। सभी जिलावासी स्वयं को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए निरंतर सतर्क रहे तथा सरकार द्वारा जारी हिदायतों का पालन करें। जिला में कोरोना की पॉजिटीविटी दर कम होकर 5.37 प्रतिशत रह गई है तथा रिकवरी दर 97.77 प्रतिशत हो गई है। आज कोविड-19 के 635 सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिनमें से केवल 2 सैंपल पॉजिटिव पाये गये, जबकि 284 सैंपल का परिणाम आना शेष है। आज तक के आंकड़ों के अनुसार जिला में अब तक 478341 व्यक्तियों को सवेर्लेंस पर रखा गया, जिनमें संक्रमितों के सम्पर्क में आए व्यक्ति भी शामिल है।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि जिला में अब तक कोविड-19 के 4 लाख 80 हजार 460 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 26131 सैंपल पॉजिटिव पाए गए तथा 4 लाख 53 हजार 502 सैंपल नेगेटिव पाये गए। इनमें से उपचार के बाद 25275 व्यक्ति स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके है। जिला में वर्तमान मेंं कोविड-19 के 5 एक्टिव मरीज है। ये एक्टिव मरीज घर में एकांतवास में कोविड-19 का ईलाज ले रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा घरों में एकांतवास में रह रहे मरीजों को मैडिकल किट वितरित की गई है, जिनमें आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण, दवाईयां एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाई व काढ़ा शामिल है।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि जिला में कोविड संक्रमण के मामले लगातार घट रहे है तथा जिलावासी भविष्य के लिए सतर्क रहे एवं लापरवाही न बरतें। सभी जिलावासी कोविड उचित व्यवहार को जीवन का हिस्सा बनाएं। वे हमेशा मास्क का प्रयोग करे, 2 गज की सामाजिक दूरी का पालन करें तथा अपने हाथों को बार-बार हैंड सेनेटाइजर या साबुन एवं पानी से साफ करते रहें। अनावश्यक रूप से भीड़ का हिस्सा न बने तथा तंग बाजारों में जाने से बचें। सरकार द्वारा जारी कोविड हिदायतों का स्वैच्छा से पालन करें। यह सभी हिदायतें आमजन के स्वास्थ्य के दृष्टिद्दगत जारी की गई है।