इशिका ठाकुर,कुरुक्षेत्र:
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा आयोजित रत्नावली समारोह में हरियाणवी लोकमंच पर ग्रामीण महिलाएं गीत गाकर हरियाणा की लोक सांस्कृतिक परम्पराओं को युवाओं से जोड़ रही हैं। लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि रत्नावली में लोकमंच छात्रों एवं कलाकारों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि रत्नावली समारोह में पहली बार लोक सांस्कृतिक मंच बनाया गया है। इस मंच पर गांव पपोसा से आई महिलाएं हरियाणा के लोक पारंपरिक गीत गाकर युवा पीढ़ी को लोक सांस्कृतिक परम्पराओं का परिचय दे रही हैं।
सांस्कृतिक परम्पराओं को युवाओं से जोड़ रही हैं
इस विषय में विस्तार से जानकारी देेते हुए युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि ग्रामीण महिलाएं ब्याह के गीत, सगाई के गीत, फेरों के गीत, नृत्य के गीत, छठी के गीत, कार्तिक स्नान के गीत, खेती के गीत, विदाई के गीत, फागण के गीत, भात के गीत, जुहारी के गीत, साम्मण के गीत, अहोई के गीत, सांझी के गीत, रीति-रिवाजों के गीत, संस्कारों के गीत गाकर हरियाणा की लोक सांस्कृतिक परम्परा को युवाओं से जोड़ रही हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर हरियाणा के लोक पारम्परिक सारंगी पर गायन करने वाले कलाकार भी लोक पारम्परिक आल्हा, साक्का गाकर हरियाणा की सांस्कृतिक परम्पराओं से युवाओं को जोड़ रहे हैं।
इस मंच ने की हासिल सफलता
कुवि सांस्कृतिक परिषद के प्रधान डॉ. आरपी सैनी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से हरियाणा का लोक सांस्कृतिक मंच कलाकारों एवं छात्रों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। उन्होंने यह भी बहासिल ताया कि जिस उद्देश्य के लिए इस मंच की स्थापना की गई थी उस उद्देश्य में उन्होंने सफलता की है। उप-निदेशक डॉ. गुरचरण सिंह ने बताया कि युवा कलाकार बुजुर्ग महिलाओं के साथ गीतों पर गायन परम्परा का आनन्द तो ले ही रहे हैं इसके साथ-साथ नृत्य गीतों पर नृत्य करके अपनी लोक परम्पराओं से जोड़ने का काम कर रहे हैं।
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