नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए बनाई जाए टास्क फोर्स
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के सातवें दिन की कार्यवाही भी हंगामेदार रही। पहले जिसमें ड्रेन पक्की करने को लेकर जुलाना विधायक विनेश फोगाट और सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी आमने-सामने हुईं। इसके बाद शून्यकाल में कांग्रेस सरकार के इंस्पेक्टर भर्ती के मामले को लेकर हंगामा हुआ। अब सिंथेटिक नशे के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। सिंथेटिक नशे पर शीशपाल केहरवाला ने कहा कि हरियाणा में इस नशे का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इस कारण बहुत से बच्चों की मौत हो चुकी है। कई युवक और युवतियां इस नशे का शिकार हो चुके हैं।

जिसमें मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश में 17 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए गए और 100 तस्करों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया गया है। कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि पंजाब से सटे जिलों में ज्यादा नशा है। सरकार कह रही है कि नशे के मामलों की संख्या घटी है, लेकिन इनके आंकड़े बता रहे हैं कि ये संख्या बढ़ी है। मेरा सवाल है कि पुलिस तस्करों को पकड़ती है, लेकिन उसकी मात्रा कम करके उसका चालान कोर्ट में पेश किया जाता है और तस्कर की जमानत हो जाती है और फिर बचा हुआ नशा उसके पास पहुंच जाता है। ये समस्या सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया भी उठा चुके हैं।

नशा कहां, पुलिस को सब पता: मनदीप चट्ठा

कांग्रेस विधायक मनदीप चट्ठा ने कहा कि सदन में जो अभी नशे को लेकर चर्चा हुई है, मैं उससे सहमत हूं। पंजाब से लगते जिलों में हालात ज्यादा खराब हैं। स्कूल और कॉलेज में जो नशा पहुंचता है उसकी रोकथाम के लिए सरकार क्या कर रही है। मेरे हल्के में जहां नशा चलता है उसकी जानकारी सबको है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। अब सरकार को नशे के खिलाफ एक बहुत सख्त कानून बनाना चाहिए। नशा मुक्ति केंद्रों की हालत बहुत खराब है। वहां साफ सफाई नहीं होती है, वहां अच्छे काउंसलर नहीं है।

हरियाणा की 16% आबादी नशे की गिरफ्त में

कांग्रेस विधायक केहरवाला ने कहा, इस विषय पर विस्तार पर चर्चा होनी चाहिए। सरकार ने कहा कि हमने इतने मुकदमे दर्ज किए हैं, इतनी गिरफ्तारियां हुई हैं। ये पांच साल का आंकड़ा है। इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए यह साफ होता है कि ये मुकदमे बढ़ने के बजाय घटने चाहिए। सरकार को नशा घटाना चाहिए न कि मुकदमों की संख्या बढ़ानी चाहिए। कांग्रेस विधायक ने केंद्र के आंकड़ों पर कहा कि हरियाणा की 16% जनसंख्या नशे की गिरफ्त में है।

ये आंकड़े ये बता रहा है कि हमारा हरियाणा जा कहां रहा है। इन आंकड़ों में 10% सिंथेटिक नशा शामिल है। मैं सरकार के संकल्प पर सवाल नहीं उठाया। लेकिन सरकार को इसके लिए एक टास्क फोर्स बनानी चाहिए, जो बड़े माफियाओं पर शिकंजा कसे। सिरसा में ये हाल और भी बुरा है, यहां अस्पतालों में 9 लाख की ओपीडी नशे की आई है। उन्होंने नशे के खिलाफ रोडमैप बताए जाने की मांग की।

नशे पर हाउस की कमेटी गठन करेंगे

नशे पर सवालों का जवाब देते हुए महिपाल ढांडा ने कहा कि इस मामले में एक दूसरे के ऊपर टीका टिप्पणी न करके सुझाव के लिए हाउस के मेंबरों की एक कमेटी का गठन किया जाए, जो कमियों को दूर करने के सुझाव दे सकें। इसके अलावा दूसरे सदस्य भी नशे के खिलाफ अपने सुझाव दे सकते हैं।

विपक्षी विधायकों के आॅब्जेक्शन पर महिपाल ढांडा ने कहा कि मैंने सभी आंकड़ों को बता दिया है, लेकिन आपने सुना नहीं तो मैं क्या कर सकता हूं। स्पीकर ने भी सदन में इस मामले को लेकर युवा मामलों को लेकर कमेटी बनी है, जिसमें इसको हम इस समस्या को पुटअप कर सकते हैं। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी है।

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