अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत किया: राज्यपाल

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पुण्यतिथि पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किए
आज समाज नेटवर्क
शिमला। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि एक साधारण व जमीन से जुड़े व्यक्तित्व अटल बिहारी वाजपेयी ने देश का नाम दुनिया में प्रज्ज्वलित किया। आज केवल अटल शब्द ही इतना व्यापक है कि हर कोई भी उस महान व्यक्ति को याद कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है। वे सोमवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आयोजित पुण्य स्मरण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत किया। ऐसे राष्ट्रभक्त का पुण्य स्मरण आवश्यक है, ताकि भावी पीढ़ी में राष्ट्र भावना का संचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का प्रतिनिधित्व करना हो या फिर पोखरण विस्फोट, हर मोर्चे पर उन्होंने दुनिया को अपनी ताकत का आभास दिया। उन्होंने अपनी संस्कृति, सभ्यता और उच्च परम्पराओं का आदर्श दुनिया में स्थापित किया। राज्यपाल ने कहा कि वह आधुनिक युग के भागीरथ थे, जिन्होंने नदी जोड़ परियोजना के माध्यम से देश के सूखे व बाढ़ को दूर करने का प्रयास किया। इसके अलावा, स्वर्णिम चतुर्भुज भारत का एक प्रसिद्ध राजमार्ग है, जो कई औद्योगिक, सांस्कृतिक एवं कृषि संबंधी नगरों को जोड़ता है। यह परियोजना भी स्व. अटल जी ने आरम्भ की थी। उन्होंने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस को गुड-गवर्नेस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि उनका मानना था कि गवर्नेस लोगों के लिए होती है। उन्होंने कहा कि सही अर्थों में अटल ने हमारी विदेश नीति को गुटनिर्पेक्ष पर केंद्रित किया। राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी उदारवादी थे और जीवन में उच्च मूल्यों को कभी नहीं छोड़ा। वह अपने भाषणों से करोड़ो लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते थे। उनकी विचारधारा प्रखर राष्ट्रवादी थी, जिसने राष्ट्र को समर्पित करोड़ों लोगों को प्रेरणा दी। वह अपने उद्बोधन में अक्सर कहा करते थे, यह देश जमीन का टुकड़ा मात्र नहीं है, बल्कि जीता जागता राष्ट्र पुरूष है। इस पावन धरती का कंकर-कंकर शंकर है, बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है। भारत के लिए हंसते-हंसते प्राण न्योछावर करने में गौरव और गर्व का अनुभव करूंगा। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि अटल जी के सपनों को साकार कर नए भारत का निर्माण किया जाए और नई पीढ़ी तक उनके विचारों को पहुंचाया जाए।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के परिसर में स्थापित श्री अटल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। शिक्षा मंत्री श्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का हिमाचल से विशेष लगाव था। उन्होंने कहा कि अटल टनल स्व. वाजपेयी की देन है और प्रीणी से जुड़ी उनकी स्मृतियां हमेशा याद रहेंगी। उन्होंने कहा कि वह मानवतावादी सोच के पोषक थे और अपने पुराने साथियों को कभी नहीं भुलते थे। उन्होंने लाहुल-स्पीति के ठेलंग वासी अर्जुन गोपाल और अपने पिता कुंजलाल के साथ स्व. वाजपेयी के संबंधों को भी याद किया।
गोबिंद ठाकुर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी उच्च व्यक्तित्व के धनी, कोमल हृदय, आदर्श नेता थे। शासक और शासन में कैसा तालमेल होना चाहिए यह अटल जी के जीवन से सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र से उनका विशेष लगाव रहा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में वाजपेयी जी के आदर्श सहायक होंगे।