चंडीगढ़: कोविड -19 के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए, एसोचैम ने आज प्रसिद्ध मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ वी मोहन के साथ ‘मधुमेह रोगियों पर कोविड 19 के प्रभाव’ पर एक सत्र 1 का आयोजन किया।
जैसा कि पूरा देश कोविड -19 की दूसरी लहर से लड़ रहा है, एसोचैम – देश का एक जिम्मेदार एपैक्स बॉडी होने के नाते इस घातक वायरस के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए ‘कोविड-19 अवेयरनेस वेब सीरिज’ लेकर आया है और आज इस सीरिज का पहला सत्र था। सत्र की शुरुआत एसोचैम हिमाचल प्रदेश स्टेट डवपमैंट काऊंसिल के चेयरमैन जितेंद्र सोढ़ी और आयुष ग्रुप ऑफ कंपनीज इंडिया के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर के स्वागती भाषण से हुई।
डॉ. मोहन डायबिटीज स्पेशलिटी सेंटर के चेयरमैन और मद्रास डायबिटीज रिसर्च सेंटर, चेन्नई के प्रेसिडेंट डॉ. वी मोहन ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि मधुमेह रोगियों को कोविड -19 का खतरा अधिक होता है और उन्हें इस कठिन समय में अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। डॉ. मोहन ने कहा कि मधुमेह रोगियों को हमेशा कोविड -19 जैसे किसी भी तरह के वायरस से सावधान रहना चाहिए। गैर-मधुमेह व्यक्ति की तुलना में अनियंत्रित मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए जीवन खोने का जोखिम तीन गुना अधिक है। ऐसे रोगियों के लिए मधुमेह को नियंत्रित करना और टीका लगवाना ही एकमात्र बचाव है। टीकाकरण के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 से खुद को बचाने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र तरीका है। सभी को टीका लगवाना चाहिए यह सभी के लिए सुरक्षित है। हमें टीकाकरण को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों को नजरअंदाज करना चाहिए।
इस सत्र में देश के विभिन्न हिस्सों के सदस्यों के साथ-साथ उपस्थित लोगों ने अच्छी तरह से भाग लिया और सराहना की।
स्वागती भाषण के दौरान श्री सोढ़ी ने कहा, कोरोना वायरस से बचने के लिए मधुमेह से पीडि़त व्यक्ति को अधिक सतर्क रहना चाहिए। स्वस्थ खाने, योग करने, नियमित व्यायाम करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियों और फलों का सेवन कर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी चाहिए।
सत्र के दौरान एक प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित लोगों के बहुत से प्रश्नों का उत्तर डॉ. वी. मोहन ने दिया। सत्र का समापन एसोचैम हिमाचल प्रदेश स्टेट डवलपमैंट काऊंसिल राज्य के चेयरमेन तथा अल्फा केमिकल्स के सीईओ व फाउंडर श्री राकेश नागपाल के समापन भाषण के साथ हुआ।
उन्होंने कहा कि यह कई मधुमेह रोगियों के लिए एक सूचनात्मक सत्र था, जिनके मन में कोविड -19 और टीकाकरण के बारे में कई संदेह थे, मैं इस सत्र को संबोधित करने और लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए डॉ वी मोहन को धन्यवाद देता हूं। पाक्षिक रूप से हृदय रोगियों पर कोविड 19 के प्रभाव, नेफ्रोलॉजी रोगियों पर कोविड 19 के प्रभाव, पल्मोनोलॉजी रोगियों पर कोविड 19 का प्रभाव, न्यूरोलॉजी रोगियों पर कोविड 19 के प्रभाव और कई अन्य पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।
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