Himachal News : वित्त आयोग के अध्यक्ष से मिले विधानसभा अध्यक्ष

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वित्त आयोग के अध्यक्ष से मिले विधानसभा अध्यक्ष
वित्त आयोग के अध्यक्ष से मिले विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा के लिए की उदार वित्तीय अनुदान की मांग की 
 
Himachal News (आज समाज ) शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविन्द पनगढ़िया के साथ बैठक की। इस दौरान पठानिया ने 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया से विधानसभा के लिए उदार वित्तिय अनुदान की मांग की। बैठक के दौरान कुलदीप पठानिया ने विधानसभा सचिवालय के कौंसिल चैम्बर, विठ्ठलभाई भवन, प्रशासनिक भवन तथा पुस्तकालय भवन के बारे में विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर डॉ. पनगढ़िया को अवगत करवाते हुए पठानिया ने कहा कि विधानसभा के पास उपाध्यक्ष विधानसभा के लिए कोई भी आवास नहीं है जिसके निर्माण कार्य पर 2.50 करोड़  रुपये का व्यय अनुमानित है। उन्होंने कहा कि विधायकों का आवासीय परिसर ओल्ड मैट्रोपोल भी 120 वर्ष पुराना है जिसके पुन: निर्माण पर 165 करोड़ रुपए का व्यय होना अनुमानित है। पठानिया ने कहा कि विधानसभा परिसर में बहुमंजिला भूमिगत पार्किंग तथा मनोरंजन कक्ष का निर्माण कार्य प्रस्तावित है जिस पर 9 करोड़ रुपये व्यय होने हैं।

विधानसभा सचिवालय में मॉड्यूलर फर्नीचर की आवश्यकता

पठानिया ने कहा कि विधानसभा सचिवालय में मॉड्यूलर फर्नीचर की आवश्यकता है जिसकी अनुमानित लागत 10 करोड़ रुपये है। लकड़ियों से निर्मित खिड़कियों को यूपीवीसी  द्वारा बदलने के लिए 3.50 करोड़ की लागत अनुमानित है। इसके अतिरिक्त विधानसभा सचिवालय के पास अपने कर्मचारियों के लिए कोई भी आवासीय परिसर नहीं है जिसके निर्माण के लिए 60 करोड़ रुपये व्यय किए जाने प्रस्तावित है। इन सभी निर्माण कार्यों के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने  कुल 250 करोड़ रुपये की राशी की स्वीकृति की वित्त आयोग के अध्यक्ष से मांग की।

कौंसिल चैम्बर तथा विठ्ठलभाई भवन लगभग 100 साल पुराना

पठानिया ने कहा कि कौंसिल चैम्बर तथा विठ्ठलभाई भवन का निर्माण स्वतन्त्रता प्राप्ति से पहले वर्ष 1920-25 के मध्य किया गया था। उन्होंने कहा कि कौंसिल चैम्बर तथा विठ्ठलभाई भवन एक हैरिटेज बिल्डिंग है, जिसमें ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। बदलते समय के साथ-साथ अब देश तथा दुनिया आधुनिकता  की ओर अग्रसर है तथा समय-समय पर कई तरह के निर्माण  करना अनिवार्य हो जाता है। कुलदीप पठानिया ने कहा कि कौंसिल चैम्बर देश तथा प्रदेश की धरोहर है, जिसे बनाए रखना बहुत जरूरी है। विधानसभा परिसर में मौजूद इन सभी भवनों की मरम्मत तथा देखभाल पर हर वर्ष लाखों रुपये का व्यय होता है। पठानिया ने कहा कि ई-विधान प्रणाली लागू करने में हम देश में सर्वप्रथम है।
पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य है। यहां निर्माण कार्य पर खर्चा बाकि राज्यों की अपेक्षा ज्यादा होता है। यहां साधनों तथा संसाधनों का भी अभाव है, जिसके चलते खर्चा और भी अधिक होता है।

हिमाचल के लोग कड़ी मेहनत तथा ईमानदारी के परिचायक

पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने अस्तित्व में आने के बाद बहुत तरक्की की है जो यहां के लोगों की कड़ी मेहनत तथा ईमानदारी का परिचायक है। इसके अतिरिक्त केन्द्र द्वारा मुहैया की गई राशी के सदुपयोग से भी यह सम्भव हो पाया है। इस अवसर पर पठानिया ने कहा कि यह प्रदेश बहुत सुन्दर है तथा यहां पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। अत: पर्यटन को विकसित करने  टके लिए भी उदार वित्तिय सहायता उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि यह राज्य आत्म निर्भरता की ओर अग्रसर हो सके। बैठक के दौरान डॉ. पनगढ़िया ने भी कुलदीप पठानिया द्वारा उठाई गई मांगों को गम्भीरता से सुना तथा उस पर गौर करने का आश्वासन दिया।