Assembly Elections 2024: तीन राज्यों के चुनाव में बीजेपी के साथ संघ भी संभालेगा मोर्चा, हरियाणा में लाडली बहना, लाड़ला भाई जैसी योजना लाने की तैयारी

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Assembly Elections 2024 तीन राज्यों के चुनाव में बीजेपी के साथ संघ भी संभालेगा मोर्चा
Assembly Elections 2024: तीन राज्यों के चुनाव में बीजेपी के साथ संघ भी संभालेगा मोर्चा, हरियाणा में लाडली बहना, लाड़ला भाई जैसी योजना लाने की तैयारी

Sangh & BJP To Lead Campaign In 3 States, अजीत मैंदोला ,(आज समाज), नई दिल्ली: इस साल अक्तूबर-नवंबर में होने वाले हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में भाजपा की चुनावी रणनीति एक दम बदली हुई दिख सकती है। इस बार आरआरएस भाजपा के साथ मोर्चा संभालने के साथ मुद्दे भी तय करने में जुट गया है। यूं कह सकते हैं कि टिकट वितरण तक में संघ की भूमिका रहेगी। मोटे तौर यह तय हो गया है कि हरियाणा और महाराष्ट्र में मौजूदा सीएम ही फेस रहेंगे। जबकि झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पार्टी वोट मांगेगी।

तीनों राज्यों में अमित शाह संभालेंगे मोर्चा

सबसे अहम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीनों राज्यों में मोर्चा संभालेंगे। हरियाणा में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अतिरिक्त जिम्मेदारी देखेंगे।पार्टी हरियाणा और महाराष्ट्र में मध्यप्रदेश की तर्ज पर चुनाव लड़ सकती है।महाराष्ट्र में तो शिंदे सरकार ने बजट जारी कर युवाओं,महिलाओं को रिझाने के लिए तमाम घोषणाएं कर दी हैं।लाडली बहना जैसी युवाओं और लड़कियों के लिए अलग अलग नाम से लाई गई है।ऐसे ही कई गेम चेंजर घोषणाएं की गई हैं।हरियाणा में भी जल्द ही इसी तरह की युवाओं और लड़कियों को महीने में एक राशि देने की घोषणा और किसानों ,खिलाड़ियों को अतिरिक्त सहायता की घोषणा हो सकती है।

तैयारी में लगे रणनीतिकार

बीजेपी के रणनीतिकार आज कल संघ के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर तैयारी में लगे हैं। मौका देख कभी भी हरियाणा को लेकर अहम घोषणाएं इसी माह में कर उन्हे तुरंत लागू किया जाएगा।संघ की तरफ से अरुण कुमार मुख्यरूप से जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।संघ का पूरा फोकस हरियाणा पर रहने वाला है।क्योंकि भाजपा की कांग्रेस से सीधी लड़ाई हरियाणा में ही है।बाकी जगह इंडिया गठबंधन के दल मुख्य लड़ाई में है।

हरियाणा महत्वपूर्ण राज्य

बीजेपी के रणनीतिकार जानते हैं कि हरियाणा में तीसरी बार वापसी कर कांग्रेस को कमजोर किया जा सकता है। हिंदी बेल्ट का दिल्ली से लगा हरियाणा महत्वपूर्ण राज्य है जो बीजेपी खोना नहीं चाहेगी। इसलिए संघ और भाजपा का मेन फोकस नाराज किसानों,पहलवानों,बेरोजगार युवाओं और एसटी वर्ग को साधने पर है। हालांकि हरियाणा में बहुकोणीय मुकाबला तय है। इंडिया घटक दल के ही दो दल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस चुनावी मैदान में आमने सामने लड़ेंगे। आने वाले दिनों में सपा और टीएमसी भी चुनावी मैदान में दिख सकती है। बाकी इनेलो और बीएसपी का गठबंधन है। जेजेपी अलग से मोर्चा संभालेगी।

बहुकोणीय मुकाबले के बाद बीजेपी चिंतित

बहुकोणीय मुकाबले के बाद ही बीजेपी चिंतित है। चिन्ता की कई वजह हैं। एक तो बीजेपी सरकार की दस साल की एंटी इंकन्वेंसी।हालांकि आलाकमान ने लोकसभा चुनाव से पूर्व मनोहर लाल खट्टर को बदल नायाब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना एंटी इंकन्वेंसी खत्म करने की कोशिश की है। सैनी ही अब चुनाव में पार्टी के सीएम फेस होंगे।इसके बाद लगातार दस साल से एक ही सीट से चुनाव जीत रहे मंत्रियों और विधायको को फिर से टिकट देने को लेकर भी एंटी इंकन्वेंसी खतरा बना हुआ है।हालांकि टिकटों का मामला पार्टी बाद में देखेगी।

किसान आंदोलन : जाटों में और सिक्खों में नाराजगी

पिछले साल हुए किसान आंदोलन और पहलवानों के आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार ने जिस तरह का रुख अपनाया उससे जाटों में और सिक्खों में नाराजगी आज भी बनी हुई है।अग्निवीर योजना ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया।हालांकि लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद राज्यों द्वारा पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स में आरक्षण की घोषणा कर अग्निवीर से नाराज युवाओं को रिझाने की कोशिश की है।कुछ घोषणाएं आने वाले दिनों में कर नाराज युवाओं और किसानों को राजी किया जाएगा।

कांग्रेस की तरफ झुकता दिख रहा दलित वोटर

दलित वोटर जो कांग्रेस की तरफ झुकता दिख रहा है उसको लेकर भी पार्टी रणनीति बना रही है। ऐसे संकेत हैं कि कांग्रेस को जाति की राजनीति पर घेर पिछड़े को चेहरा बनाने का दबाव बना सकती है।कांग्रेस की अभी पूरी उम्मीद जाटों पर है लेकिन राहुल की जाति की राजनीति हरियाणा में मुद्दा बनी तो जाट बंट सकता है।