भव्य बिश्नोई और बृजेंद्र सिंह को करना पड़ा हार का सामना
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा की 15वीं विधानसभा के अप्रत्याशित नतीजों ने हर किसी को हैरान और पराजय का दंश झेलने वाले कई दिग्गजों को परेशान कर दिया। स्थिति ये रही है कि जहां एग्जिट पोल के नतीजे पूरे तरह से गलत साबित हुए तो वहीं उम्मीदों के विपरीत बड़े अंतर से जीत की उम्मीद कर रहे अलग पार्टियों के सीनियर नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ कई दिग्गज और नए चेहरे चुनाव जीतकर अपना दम खम साबित करने में सफल रहे।
चुनाव जीतने और हारने वाले प्रदेश के राजनीतिक घरानों के कई दिग्गज भी शामिल रहे। इसके अलावा सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस ने कई नए चेहरों को भी टिकट दी थी जिनमें से कई ने अपनी राजनीतिक पारी की सफल शुरूआत की तो कई के लिए ये चुनाव हार के चलते दुस्वप्न से कम साबित नहीं हुए। इसी कड़ी में बता दें कि लंबे राजनीतिक अनुभव और कई बार चुनावों में जीत दर्ज करने वाले अलग अलग पार्टियों के दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा
विनेश फोगाट का राजनीतिक डेब्यू रहा सफल
विधानसभा चुनाव में अबकी बार कई उतार चढाव देखने को मिले, जहां कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा तो कई एक बार फिर से विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रहे। इस बार चुनाव जीतने वाले दिग्गजों में निवर्तमान सीएम नायब सिंह सैनी करनाल सीट बदलकर लाडवा से करीब 17 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे तो वहीं नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस हैवीवेट भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जीत का मार्जिन भी अबकी बार 71465 हो गया। वहीं ओलंपियन विनेश फोगाट को चुनाव देशभर में चर्चा में रहा और उनकी राजनीतिक डेब्यू सफल रहा। वहीं कांग्रेस के सीनियर लीडर व 6 बार विधायक रहे चुके पूर्व विधानसभा स्पीकर 7वीं बार चुनाव जीतने में सफल रहे।
कैप्टन अभिमन्यु को मिली लगातार दूसरी हार
विधानसभा चुनाव कई पार्टियों के दिग्गजों के लिए किसी दुस्वप्न से कम साबित नहीं हुआ क्योंकि उनको उम्मीदों के विपरीत हार का सामना करना पड़ा। उनके अलावा भाजपा व कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हार का दंश झेलना पड़ा। निवर्तमान सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कई मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा जिनमें संजय सिंह, कमल गुप्ता, ज्ञानचंद गुप्ता, सुभाष सुधा, रणजीत सिंह चौटाला, जेपी दलाल, अभय सिंह यादव और कंवरपाल गुर्जर को हार का सामना करना पड़ा। इनके अलावा गोपाल कांडा, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़, पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह बबली और गत लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं पाने वाले पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु भी जीत नहीं दर्ज पाए।
दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला को मिली हार
इसी कड़ी में ये भी बता दें कि हरियाणा के राजनीतिक परिवारों से करीब दर्जन भर उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे कई नेताओं को हार जीत का सामना करना पड़। पूर्व दिवंगत डिप्टी पीएम देवीलाल के परिवार से 8 सदस्य चुनाव में उतरे थे लेकिन इनमें से उनके पौत्र आदित्य चौटाला और पड़पोते अर्जुन चौटाला क्रमश डबवाली और रानिया ही चुनाव जीत पाए तो वहीं बाकी सदस्य उनके पोते अभय चौटाला, भाजपा के साथ साढ़े चार साल तक सत्ता चलाने वाले पूर्व डिप्टी सीएम और उनके पड़पोते दुष्यंत चौटाला और दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को हार का सामना करना पड़ा। इनके अलावा हिसार से लोकसभा चुनाव हारने वाले और टिकट नहीं मिलने पर बतौर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री और पूर्व दिवंगत उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पुत्र रणजीत सिंह अपने पड़पोते के हाथों भी पराजय का सामना करना पड़ा।
इनके अलावा दुष्यंत की मां नैना चौटाला और उनकी देवरानी सुनैनी चौटाली भी चुनाव नहीं जीत पाए। इनके अलावा पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर डबवाली से चुनाव जीतने वाले अमित सिहाग को डबवाली से हार का सामना करना पड़ा। भाजपा सांसद और भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने हिसार सीट से भाजपा कैंडिडेट व मंत्री कमल गुप्ता को हराते हुए जीत दर्ज की।
मात्र 32 वोट से हारे बृजेंद्र सिंह
इनके अलावा लोकसभा चुनाव में बेटी को टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाली किरण चौधरी की बेटी और पूर्व दिवंगत सीएम चौधरी बंसीलाल की पोती ने अपने चचेरे भाई और कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी को मात देने में सफल रही। इनके अलावा कांग्रेस हैवीवेट और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य का कैथल विधानसभा सीट से पॉलिटिकल डेब्यू सफल रहा। इसी तरह से हुड्डा के करीब और हिसार से सांसद जेपी के बेटे विकास कलायत से 13 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे। वहीं दूसरी तरफ भजनलाल परिवार के अभेद दुर्ग के रुप में पहचान रखने वाले आदमपुर से अबकी बार उनके पोते भव्य बिश्नोई को हार का सामना करना पड़ा। वहीं कांग्रेस दिग्गज चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे व पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह महज 32 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए। वहीं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव भी चुनाव जीतने में सफल रही।
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