Punjab News:16वें वित्त आयोग से कहा करों के हस्तांतरण के फार्मूले में संशोधन किया जाए

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16वें वित्त आयोग से कहा करों के हस्तांतरण के फार्मूले में संशोधन किया जाए
16वें वित्त आयोग से कहा करों के हस्तांतरण के फार्मूले में संशोधन किया जाए

चंडीगढ़ (आज समाज)। शिरोमणि अकाली दल ने आज 16वें वित्त आयोग से राज्य के करों के हस्तांतरण के लिए अपनाए गए फार्मूले को संशोधित करने के अलावा विविधीकरण की सुविधा के लिए फंड आवंटित करने, राज्य के किसानों के लिए कर्ज माफी की व्यवस्था करने , सीमावर्ती किसानों को मुआवजा देने के लिए नियमित अनुदान तय करने, उद्योग को बढ़ावा देन के लिए कर रियायतें, ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) और सर्व शिक्षा अ•िायान के बकाया जारी करने, एफसीआई के खातों में निपटान करने और अनटाइड फंड के रूप में फंड जारी करने की अपील की है।

इसने रावी-ब्यास जल के विकास और उपयोग पर 1955 के अंतर-राज्यीय सम्मेलन का हवाला देते हएु राज्य के साथ की गई ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने का आहवाहन किया, जिसके तहत नान रिपेरियन राजय राजस्थान को 8 एमएएफ पानी दिया गया था। इसने कहा कि उस मीटिंग में फैसला लिया गया था कि पानी की लागत अलग से ली जाएगी, लेकिन 69 साल के बाद •ाी इस पर फैसला नही लिया गया है। इसने कमिशन से केंद्र सरकार को पंजाब को उसकी बकाया राशि का •ाुगतान करने की सिफारिश करने का •ाी आहवाहन किया।

इसी तरह अकाली दल ने चंडीगढ़ को पंजाब को हस्तांतरित करने और राज्य के पुनर्गठन के दस साल के •ाीतर राजधानी को खाली करने में हरियाणा की नाकामी के कारण राज्य को देय स•ाी आय का •ाुगतान करने की •ाी मांग की है। 16वें वित्त आयोग की मीटिंग में •ााग लेते हुए वरिष्ठ अकाली नेता महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब में सार्वजनिक कर्जा 3.43 लाख करोड़ रूपये के खतरनाक आंकडे पर पहुंच गया है एवं जीएसडीपी के मुकाबले कर्ज का अनुपात 49 फीसदी है, जिससे पूंजीगत व्यय के लिए नामात्र धनराशि बची है।

संघवाद के सिद्धांत पर काम करने की आवश्यकता को दोहराते हुए, जिसे पार्टी ने 1973 में आनंदपुर साहिब प्रस्ताव पारित करके बरकरार रखा था, अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के करों के हस्तांतरण के लिए नए सिरे से काम करने का आहवाहन किया। इसने कहा कि टैक्स के विकेंद्रीकरण को 41 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी किया जाना चाहिए और करों के क्षैतिज हस्तांतरण के तहत देश के परिवार नियोजन कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए राज्य को पीड़ित नही किया जाना चाहिए।