Asian Games Held In China : हरियाणा के खिलाड़ी खेल स्पर्धा में नहीं किसी से कम

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एशियन गेम्स
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  • चीन में आयोजित एशियन गेम्स में करनाल के अनीश ने टीम शूटिंग खेल में जीता ब्रांज,परिवार में खुशी की लहर, बुधवार को होगा अनीश का भव्य स्वागत
Aaj Samaj (आज समाज), Asian Games Held In China, करनाल,26 सितम्बर, इशिका ठाकुर 
हरियाणा के खिलाड़ियों ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी खेलों में अपनी धाक जमा रखी है। प्रदेश के खिलाड़ी किसी भी खेल स्पर्धा में किसी से पीछे नहीं है इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि हरियाणा प्रदेश अपने खान-पान को लेकर विशेष रूप से जाना जाता है इसीलिए यह कहावत मशहूर है कि “देशां मैं  देश हरियाणा, जीत दूध दही का खाना”  और यह कहावत हरियाणा के युवाओं ने चाहे सीमा पर जवान हो या फिर खिलाड़ी हो, वक्त आने पर सभी ने सिद्ध भी किया है।
खेलों के प्रति खिलाड़ियों के बढ़ रहे रुझान को देखकर प्रदेश सरकार ने भी खिलाड़ियों के लिए खाने-पीने के साथ-साथ खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए स्टेडियम की भी अलग-अलग व्यवस्थाएं की हैं, ताकि खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा दिखाने के लिए किसी भी प्रकार की कमी न हो।
हरियाणा के खिलाड़ी अबकी बार चीन में आयोजित एशियाई खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और देश के लिए मेडल जीत रहे हैं। सोमवार को 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल टीम ने देश को कांस्य पदक दिलाने का काम किया है, इस टीम में करनाल के अनीश बनवाला भी शामिल थे। सोमवार को चीन में आयोजित निशानेबाजी प्रतियोगिता में चीन ने प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए 1800 में से 1765 अंक और कोरिया ने 1734 का स्कोर किया। यानि देश 47 से स्वर्ण व 16 अंक से रजत पदक चूक गया और देश के इन निशानेबाजों को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। लेकिन देश के लिए यह भी एक बड़ी उपलब्धि है।
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अनीश के पिता जगपाल सिंह ने बताया कि बेटे अनीश ने अपनी टीम के साथ मिलकर देश को कांस्य पदक जरूर दिलाया है। जिसके चलते जीत से परिवार में खुशी का माहौल है। उन्होंने बताया कि 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल टीम में अनीश बनवाला के साथ वियवीर संधू पंजाब व आदर्श सिंह फरीदाबाद मौजूद रहे। जगपाल ने बताया कि इस एक गेम के लिए वह निरंतर दिन रात कड़ी मेहनत भी करता है। लेकिन हर खेल में हार जीत तो जीवन का हिस्सा है। जीवन का यही सत्य है कि हार के बाद ही जीत है। वहीं परिवार में काफी खुशी का माहौल है और इस खुशी के साथ आज उनका जन्मदिन भी है इसलिए खुशी और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
 उनके पिता ने बताया कि अनीश बनवाला ने कभी मार्डन पेंटाथलॉन गेम से शुरूआत की थी। लेकिन पढ़ाई और पांच खेलों का प्रशिक्षण एक साथ लेना मुश्किल हो रहा था। मार्डन पेंटाथलॉन जिसमें कि पांच खेल पिस्टल शूटिंग, फेंसिंग, स्वीमिंग, हॉर्स राइडिंग और रनिंग शामिल है। हालांकि इन खेलों में भी वह बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे और उनके द्वारा राष्ट्रीय  स्तर पर कई मेडल जीत चुके थे। लेकिन फिर उन्होंने शूटिंग गेम को अपनाया और उसमें ही खेल कर अच्छा मुकाम भी पाया। इतना ही नहीं अनीश की बड़ी बहन भी शूटिंग खेल करती थी जो जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड ला चुकी है।
अनीश के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि अनीश ने 2023 सीनियर शूटिंग वल्र्ड कप के 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में 12 साल बाद भारत को ब्रांज मेडल दिलाया हैँ । उससे पहले 2022 में सीनियर वल्र्ड कप में एक टीम गोल्ड मिला था। वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम के 25 मीटर रेपिड फायर में अनीश ने देश को गोल्ड दिलाया था। उस समय वह 10वीं क्लास में पढ़ाई करते थे। और वह आज तक के इस श्रेणी में गोल्ड लेने वाले सबसे कम उम्र के पहले खिलाड़ी बन गए थे देश के प्रधानमंत्री ने भी मन की बात में अनीश के साथ बात की और उन्हें बधाई दी थी। यहीं नहीं मार्डन पेंटाथलॉन में भी वह कई मेडल जीत चुका है। इसके अलावा उन्होंने 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में महारत हासिल करते हुए मेडलों की झड़ी लगा दी। फरवरी 2018 सिडनी में आयोजित जूनियर वल्र्ड कप में इंडिविजुअल में मुस्कान और अनीश ने एक साथ गोल्ड मेडल हासिल किया था। मुस्कन 25 मीटर स्पोर्ट पिस्टल और अनीश ने 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में भाग लिया था। अनीश अब तक नेशनल में 65 और इंटरनेशनल में करीब 31 पदक अपने नाम कर चुका है। यहीं नहीं पांच बार लगातार जूनियर चैंपियन और पांच बार सीनियर चैंपियन भी रह चुका है।
अनीश की माता पूनम ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के लिए शूटिंग रेंज में अच्छी प्रैक्टिस के लिए  2015 में फरीदाबाद का रूख किया और अनीश को दिल्ली की करणी सिंह शूटिंग रेंज से प्रशिक्षण दिलाना शुरू किया। वहीं पर अनीश शूटिंग की बारीकियां सीखने के साथ साथ मनाव रचना यूनिवर्सिटी से बीबीए फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे है। अनीश की माता ने कहा कि अनीश शुरू शरारती नहीं था लेकिन उसके बड़ी बहन शरारती थी और वह भी खेल में काफी अच्छी थी लेकिन  उन्होंने खेल  से अपने रुचि हटाकर पढ़ाई में की और अब वह एमबीबीएस कर रही है। उनके पिता ने कहा कि सरकार के द्वारा अनीश को काफी सहयोग किया गया है जिसकी बदौलत वह इस मुकाम पर पहुंचा है और हम पूरे भारत के सभी अभिभावकों से कहना चाहते हैं कि अपने बच्चों को खेल में डालने के लिए सपोर्ट करें ताकि वह भी एक दिन देश का नाम रोशन करें.
अनीश की दादी सुंदर देवी ने कहा कि  उन्हें अपने पौते पर गर्व महसूस हो रहा है। माता पिता के सहयोग और आशीर्वाद की बदौलत अनीश इस मुकाम तक पहुंच है। दादी में सरकार का भी तहे दिल से आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार भी समय समय पर खिलाड़ियों का सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके पौते ने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है कि उनके परिवार में खुशी का माहौल है।  उनका कहना है कि अनीश भविष्य में ओलंपिक में गोल्ड लेकर आएगा। वही अनीश के छोटे भाई  में कहा कि वे भी अपने भाई की तरह खिलाड़ी बनना चाहता है। अपने भाई की तरह खेल मैदान में जाकर अभ्यास करता है।
अनीश को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निवास स्थान पर तीन बार  सम्मानित भी किया है तथा अनीश राष्ट्रपति से भी सम्मानित हो चुका है अनीश ने 2019 में राष्ट्रीय राष्ट्रपति बाल पुरस्कार भी हासिल किया था