Ashwini Vaishnaw: महाकुंभ के लिए हमने 16000 से अधिक ट्रेनें चलाई, भव्य आयोजन के लिए पीएम मोदी व सीएम योगी का आभार

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Ashwini Vaishnaw
Ashwini Vaishnaw: महाकुंभ के लिए हमने 16000 से अधिक ट्रेनें चलाई, भव्य आयोजन के लिए पीएम मोदी व सीएम योगी का आभार
  • लौट रही भीड़ को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती

Ashwini Vaishnaw On MahaKumbh (आज समाज), लखनऊ: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) 45 दिवसीय महाकुंभ के समापन के बाद आज प्रयागराज जंक्शन पहुंचे और रेलवे स्टेशन पर रेलवे अधिकारियों से उन्होंने मुलाकात की। रेल मंत्री ने कहा कि सभी के सहयोग से हम आपसी समन्वय से काम कर पाए,  जिसकी वजह से हम 13,000 ट्रेनों की योजना के मुकाबले 16,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन कर पाए।

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सुरक्षा बलों व रेलवे के विभागों के बीच घनिष्ठ समन्वय रहा 

अश्विनी वैष्णव ने कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) का आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जिनके नेतृत्व में इतना भव्य आयोजन हुआ। उन्होंने कहा, हम महाकुंभ के लिए करीब 4 से 5 करोड़ श्रद्धालुओं को संगम तक लाने में सफल रहे। राज्य पुलिस, आरएफपी, रैपिड एक्शन फोर्स और रेलवे के विभिन्न विभागों के बीच घनिष्ठ समन्वय था। उन्होंने कहा, “हमने सुनिश्चित किया कि महाकुंभ के 45 दिनों के दौरान श्रद्धालुओं को रखरखाव के मामले में कोई समस्या न हो। आयोजन क्षेत्रों को इससे काफी लाभ हुआ।

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हम सभी व्यवस्थाओं का विश्लेषण करेंगे

केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था पर विचार करने और उन्हें भीड़ के रूप में न देखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, हम सभी व्यवस्थाओं का विश्लेषण करेंगे और रेलवे संचालन नियमावली में स्थायी बदलाव लाएंगे। सरकार भविष्य में होने वाले ऐसे आयोजनों में सीख को लागू करेगी, जिसमें इतनी बड़ी भीड़ होगी। अश्वनी वैष्णव ने कहा, वापस लौट रही भीड़ को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती थी। होल्डिंग एरिया बनाना एक और लाभ था। हर स्टेशन, जोन, डिवीजन में वॉर रूम ने घनिष्ठ समन्वय को सक्षम बनाया।

45 दिवसीय धार्मिक समागम का हुआ समापन

पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) को पहले अमृत स्नान के बाद 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) को 45 दिवसीय धार्मिक समागम महाकुंभ 2025 का आधिकारिक रूप से समापन हो गया। फिर भी श्रद्धालु प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। अन्य महत्वपूर्ण स्नान दिवसों में मकर संक्रांति (14 जनवरी), मौनी अमावस्या (29 जनवरी), बसंत पंचमी (3 फरवरी) और माघी पूर्णिमा शामिल थे।

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