Aaj Samaj (आज समाज),Asha workers strike on 53rd day ,मनोज वर्मा,कैथल: जिला सचिवालय पर आशा की हड़ताल 53वें दिन मे प्रवेश होने पर एक बड़ी सभा को सम्बोधित करते हुए रीना प्रधान कलायत व प्रकाशो प्रधान कौल ने कहा कि उनका आंदोलन महिलाओ के सम्मान व परिवार के गुजर बसर के लिए है। वे ऐसा कुछ नही मांग रही जिससे वे कोई खुशहाली का जीवन जी सके। वे तो केवल इतना चाहती है कि उन्हें शोषण से मुक्ति मिले व बेगार पर रोक लगे। वे लम्बे समय से सड़को पर बैठी है व अपने हको के लिए हर जगह गुहार लगा चुकी है, लेकिन सरकार के नुमाइन्दे चुपी साधे हुए है।
इतने दिनों बाद आज़ सरकार से यूनियन की बातचीत हो रही है। जिससे सरकार के रुख रवैये का पता चलेगा कि सरकार उनके मांग मुद्दों के प्रति कितनी गंभीर है व महिलाओ की समस्याओ के प्रति कितनी सचेत है। आज़ कई आशा वर्कर्स संतोष बालू, दर्शन हरसोला, संतोष डुण्डवा ने भगत सिंह के जीवन पर आधारित क्रन्तिकारी गीत व भजन प्रस्तुत किये। जिससे आशा वर्कर्स बहुत प्रभावित हुईं व बहुत सी आँखे भी नम हो गई। संतोष सजूमा, शीला, सुमन, ममता ढांड, उर्मिला फरल ने अपने सम्बोधन मे समाज में फैली कुरीतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि आज़ महिलाए अपनी रोजी रोटी की लड़ाई के साथ साथ अन्धविश्वास, रूढ़ियों,व गैर वैज्ञानिकता से बाहर निकाल रही है।
वे ये जान रही है कि उनकी समस्याओ का कारण मौजूदा व्यवस्था है, जिसमे उनके श्रम की लूट हो रही है तथा बडे बडे धन्ना सेठ मालामाल हो रहे है। सभा को रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रमेश हरित व मजदूर संगठन सीटू के नेता जयप्रकाश शास्त्री ने भी सम्बोधित किया व मजदूर वर्ग को उनके अधिकार हमेशा लड़ कर मिले है। क्योकि व्यवस्था मजदूर को केवल जिन्दा रखना चाहती है। उसकी जिंदगी को बेहतर व खुशहाल नही बनाना चाहती। यही कारण है कि आज़ पांच प्रतिशत लोगो के पास 66 प्रतिशत सम्पदा है और गरीब ज्यादा गरीब होता जा रहा है। मंजू कुतबपुर, अनीता, मूर्ति, सरोज काकौत, प्रकाशो फतेहपुर, आशा वर्कर्स ने ये निश्चय दोहराया कि वे अपनी मांगो की प्राप्ति के बिना हड़ताल से पीछे हटने वाली नही है।
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