- पांचवे दिन भी जारी रही हड़तालं
Aaj Samaj (आज समाज),Asha Workers Strike, मनोज वर्मा,कैथल :
आशा वर्कर्स की हड़ताल पांचवे दिन में प्रवेश कर गई। अध्यक्षता जिला प्रधान सुषमा जडोला और मंच संचालन जिला सचिव कविता राजौंद और आशा मानस ने किया । संबोधित करते हुए सुषमा जडोला ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार अनाप-शनाप बयानबाजी की जा रही है।
विभाग की तरफ से सफेद झूठ बोला जा रहा है कि आशा वर्कर को 19000 मानदेय दिया जाता है। वास्तव में आशा वर्कर को केवल 4000 फिक्स और कुछ इंसेंटिव्स दिए जाते हैं जो एवरेज में प्रति वर्कर 7500 के आसपास बनते हैं। सरकारी कामों को अंजाम तक पहुंचाने में ही आशा के लगभग 2500 किराए में खर्च हो जाते हैं । जबकि सरकार आशा वर्करों से ऑनलाइन ऑफलाइन फील्ड वर्क तीन तरह से काम करने का दबाव बनाए हुए हैं। वर्तमान में आशा वर्कर्स स्वास्थ्य विभाग और सरकार की धमकियों से परेशान है।
आशा वर्कर्स की हड़ताल को 17 अगस्त तक
2018 के बाद आशाओं के काम लगातार कई गुना बढ़ा दिए गए हैं परंतु आशाओं के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। वर्ष 2018 के बाद महंगाई भी दोगुनी हो गई है कोरोना महामारी में भी आशा वर्कर्स ने बिना सुरक्षा उपकरणों के जनता की सेवा की। सरकार द्वारा लगातार बढ़ रही बेकार और महंगाई की मार से परेशान होकर आशा वर्कर्स ने आंदोलन का निर्णय लिया है। आज आशाओं के हड़ताल के 5 दिन पूरे हो गए है । सरकार तानाशाही रुख अपनाए हुए हैं। इसलिए आशा वर्कर्स की हड़ताल को 17 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है । आशा वर्कर्स यूनियन सरकार से मांग करती है कि तानाशाही का रास्ता छोडक़र आशा वर्कर्स की मांग और समस्याओं को वार्ता के माध्यम से समाधान करे।
हड़ताल में मुख्य रूप से सुमन सीवन,मीना,अमन,रीना जीतो खेड़ी,रीना,प्रकाश फतेपुर, चरणजीत कौर,सुरेंद्र,कौर, ऊषा क्योड़क,निर्मला दुल्यानी,मंजू कुतुबपुर, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला सचिव मास्टर रामपाल शर्मा, सीटू के जिला कैशियर जयप्रकाश शास्त्री, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रमेश हरित, किसान सभा के जिला प्रधान कामरेड महेंद्र सिंह ने भी संबोधित किया।
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