आज समाज डिजिटल, मुंबई:
सिनेमा में सुर कोकिला लता मंगेशकर के बाद नाम आता है आशा भोसले का। उनका जन्म सितंबर की आठ तारीख और वर्ष 1933 को सांगली में हुआ। हिंदी फिल्म जगत की शान मानी जानी वाली आशा जी की आवाज में जो खनक है वह कहीं और मिलना मुश्किल है। इसी वजह 88 साल की आशा ताई को आज भी उनके फैंस उतना ही पसंद करते हैं और उनके गाने सदाबहार हैं। आशा भोसले के पिता अभिनेता और क्लासिकल सिंगर थे। इस वजह से संगीत उन्हें विरासत में मिला था। हालांकि सिर्फ 9 साल की उम्र में आशा ने अपने पिता को खो दिया था, इसके बाद से उन्होंने अपना परिवार चलाने के लिए फिल्मों में गाना शुरू कर दिया था। शुरूआत में सफलता नहीं मिली, लेकिन समय आने पर उन्होंने जो कमाल किया उसकी झलक आज भी देखी जा सकती है।
आशा भोसले के 88वें जन्मदिन पर हम आपको उनके कुछ सदाबहार गानों के बारे में बता रहे हैं, जिनको सुनकर आपकी पुरानी यादें ताजा हो जाएंगी।
यादों की बारात फिल्म का यह रोमांटिक गीत 1973 में आया और आज भी लोग इसे पसंद करते हैं। यह 70 के दशक के संगीत की बात है, इसकी कोई शेल्फ लाइफ नहीं थी और लोग अभी भी इन धुनों को शब्दश: याद करते हैं। खूबसूरत जीनत अमान पर फिल्माया गया यह गाना लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा। ऋषि कपूर और नीतू कपूर की फिल्म ‘खेल खेल में’ का एक और गीत, जिस तरह से इसे रचा गया था, इसमें खास बात थी। इसमें एक काव्यात्मक लय थी और यह चार दशक बाद भी ताजा दिखता है। हेलेन हमेशा एक स्टनर थी और रहेगी। हिंदी सिनेमा के अच्छे और सुनहरे दौर में इस तरह के शानदार गानों के लिए वह सबसे अच्छी पसंद थीं। आशा जी की मधुर, मधुर आवाज इस गाने को और खास बनाती है। 1981 में आई ‘उमराव जान’ फिल्म में इस शास्त्रीय गीत के माध्यम से भोसले ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया। उनकी आवाज किसी भी शैली और किसी भी मूड में घुल सकती है और यह गाना भी यही साबित करता है। यह न केवल रेखा की सुंदरता है, बल्कि भोंसले के लुभावने स्वरों ने भी इस गीत को मधुर बना दिया।