एजेंसी,नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक को एनडीए सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा से पास करा लिया। हालांकि इस कानून के पास होने के साथ ही इसका विरोध तेज हो गया और पूर्वोत्तर राज्यों में लोग सड़क पर आ गए। वहां आजगजनी की घटनाएं हुर्इं। असम, मेघालय, गुवाहटी में इस कानून के विरोध मे हिंसा की वारदातें हुर्इं वहां सेना की तैनाती की गई। इंटनेट सेवाएं अभी भी बंद की गई हैं। कर्फ्यू लगाकर लोगों को शांत करने का प्रयास किया गया। अब मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के प्रमुख और विवादों के बीच रहने वाले असवुद्दीन ओवैसी ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। बता दें कि संसद में इस बिल पर बहस के दौरान उन्होंने बिल की प्रतियां फाड़ी थीं। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विपक्षी पार्टियों से लेकर यूनिवर्सिटियों के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं।
इस बीच आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागिरकता संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। समाचार एजेंसी एएनआई से वकील निजाम पाशा ने कहा कि एआईएमआईएम नेता ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। वहीं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। इससे एक दिन पहले यह विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न से परेशएान होकर भागकर भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। आईयूएमएल ने आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान के समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।