Aaj Samaj (आज समाज),Arya Senior Secondary School Panipat,पानीपत : आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पानीपत के प्रांगण में यज्ञोपवीत धारण समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि आर्य प्रतिनिधि सभा हरयाणा के प्रधान सेठ राधाकृष्ण आर्य रहे। विद्यालय की प्रबन्धक समिति के प्रधान विरेन्द्र आर्य, प्रबन्धक रामपाल जागलान, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र जागलान, मेहर सिंह आर्य, प्रमोद कुमार तथा आर्य बाल भारती स्कूल के प्रधान आर्य रणदीप सिंह ने मुख्य अतिथि महोदय आर्य प्रतिनिधि सभा हरयाणा के प्रधान सेठ राधाकृष्ण आर्य का विद्यालय प्रांगण में पहुचने पर पुष्पकुंज देकर हार्दिक अभिनन्दन किया। इस अवसर पर विद्यालय की समस्त प्र्रबन्धक समिति ने भाग लिया। समारोह का प्रारंभ दैनिक हवन यज्ञ से प्रांरभ हुआ तथा शान्ति पाठ के साथ समाप्त हो गया। इस अवसर पर विद्यालय के 350 छात्रों ने यज्ञोपवीत (जनेऊ) धारण किया तथा छात्रों को जीवन में धुम्रपान, नशे आदि बुरी आदतों से दूर रहने की शपथ दिलवाई।

हिन्दु धर्म के 24 संस्कारों में से एक उपनयन संस्कार

मुख्य अतिथि आर्य प्रतिनिधि सभा हरयाणा के प्रधान सेठ राधाकृष्ण आर्य ने कहा कि हिन्दु धर्म के 24 संस्कारों में से एक उपनयन संस्कार है। इसी के अन्तर्गत ही जनेऊ धारण किया जाता है। जनेऊ पहनने के तीन कारण होते हैं, प्राचीन काल में शिष्य, संत और ब्राह्मण बनाने के लिए दीक्षा दी जाती थी। इस दीक्षा देने के तरीके में से एक जनेऊ धारण करना भी होता है। दूसरा कारण द्विजत्व यानि दूसरा जन्म। स्वार्थ की संकीर्णता से निकलकर पशुता को त्यागकर मनुष्यता को ग्रहण करना भी दूसरा जन्म कहलाता है। तीसरा कारण यह है कि जनेऊ पहनने से पवित्रता का अहसास होता है। भारतीय संस्कृति में यज्ञोपवीत यानि जनेऊ धारण करने की परंपरा वैदिक कार्यकाल से ही चली आ रही है। जनेऊ को संस्कृत भाषा में यज्ञोपवीत कहा जाता है। उन्होने कहा कि यज्ञोपवीत केवल धार्मिक नजरिए से नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी अच्छा होता है। यज्ञोपवीत धारण करने से अध्यात्मिक उर्जा भी प्राप्त होती है। यह हमें हमेशा ही बुरे कामों से बचने की याद दिलाता रहता है। इस अवसर पर विद्यालय की समस्त प्रबन्धक समिति व स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।