सात दिवसीय शिविर के चौथे दिन पराक्रम प्रतिष्ठा और शौर्य की प्रतिमूर्ति महाराणा प्रताप जयंती समारोह का आयोजन 

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सात दिवसीय शिविर के चौथे दिन पराक्रम प्रतिष्ठा और शौर्य की प्रतिमूर्ति महाराणा प्रताप जयंती समारोह का आयोजन 
सात दिवसीय शिविर के चौथे दिन पराक्रम प्रतिष्ठा और शौर्य की प्रतिमूर्ति महाराणा प्रताप जयंती समारोह का आयोजन 
आज समाज डिजिटल, पानीपत:

पानीपत। आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के परिसर में सार्व देशिक आर्य वीर दल और विद्यालय की प्रबंधन समिति की ओर से आयोजित सात दिवसीय शिविर के चौथे दिन पराक्रम प्रतिष्ठा और शौर्य की प्रतिमूर्ति महाराणा प्रताप जयंती समारोह का आयोजन कर आर्य वीर दल के विद्वानों को सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि आर्य वीर दल हरियाणा रोहतक के मंत्री धर्मेंद्र जिज्ञासु, विशिष्ठ अतिथि आर्य समाज अलीगढ़ के आचार्य प्रेमपाल आर्य रहे। विशिष्ठ अतिथि आर्य समाज कुरुक्षेत्र के मास्टर महावीर आर्य रहे। अध्यक्षता प्राचार्य मनीष घनघस ने की कोषाध्यक्ष अशोक आर्य और आर्य समाज काबड़ी के उप प्रधान ओम दत्त आर्य मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे।

 

भारत महाराणा प्रताप जैसे धर्म रक्षक वीरों की धरती है

प्रबंधक समिति की ओर से आचार्य संदीप कार्यकारी संचालक हरियाणा आर्य वीर दल मुनि अर्पिता, आचार्य प्रेमपाल आचार्य नंदकिशोर को सम्मानित किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए आर्य वीर दल के मंत्री धर्मेंद्र जिज्ञासु ने कहा कि भारत ऋषि-मुनियों और धार्मिक विद्वानों की ही नहीं महाराणा प्रताप जैसे धर्म रक्षक वीरों की धरती है। जहां से दुनिया के अनेक धर्म ग्रंथों ने जन्म लिया। उन्होंने कहा कि देश की राष्ट्रीय एकता अखंडता ऋषियों द्वारा स्थापित संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए स्वामी दयानंद स्वामी श्रद्धानंद वीर हकीकत राय महाराणा प्रताप मंगल पांडे जैसे वीरों ने जीवन भर न केवल संघर्ष किया, बल्कि देश की आन बान शान के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दी।

 

 

सात दिवसीय शिविर के चौथे दिन पराक्रम प्रतिष्ठा और शौर्य की प्रतिमूर्ति महाराणा प्रताप जयंती समारोह का आयोजन 
सात दिवसीय शिविर के चौथे दिन पराक्रम प्रतिष्ठा और शौर्य की प्रतिमूर्ति महाराणा प्रताप जयंती समारोह का आयोजन

 

साहस और संघर्ष की गाथा से विश्व मानव युगों युगों तक प्रेरणा लेता रहेगा

उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप सिसोदिया का जन्म कुंभलगढ़ राजस्थान में हुआ था। वह बचपन से ही स्वाभिमानी और वीर रहे। जिनकी वीरता साहस और संघर्ष की गाथा से विश्व मानव युगों युगों तक प्रेरणा लेता रहेगा। आर्य वीर दल के कार्यकारी संचालक आचार्य संदीप ने कहा कि भारतीय सभ्यता संस्कृति वेदों और वैदिक धर्म की रक्षा के लिए स्वामी दयानंद स्वामी श्रद्धानंद महाराणा प्रताप आचार्य बलदेव ने जीवन भर संघर्ष किया। इसलिए नव युवकों को इनके बताए हुए रास्ते पर चलते हुए देश की एकता अखंडता मान मर्यादा और राष्ट्रवाद की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।

 

 

 

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