Aaj Samaj (आज समाज),Arya Samaj Model Town Panipat,पानीपत : शुक्रवार को आर्य समाज मॉडल टाउन पानीपत के वार्षिक अधिवेशन के तृतीय दिवस पर पंचम बैठक में आचार्य अंकित प्रभाकर जी ने सत्यार्थ प्रकाश के चतुर्थ समुल्लास का व्याख्यान करते हुए सुखी दाम्पत्य जीवन का आधार त्याग बतलाया। विवाह की प्रत्येक रस्मों की चर्चा करते हुए उनका महत्व और वो क्या क्या संकेत देती हैं यह भी चर्चा की इस के अतिरिक्त बताया कि यदि दोनों एक दूसरे के प्रति त्याग रखेंगे और एक दूसरे की गलती को बिना उछाले क्रोध को त्याग देंगे तथा एक दूसरे की प्रशंसा करेंगे तो जीवन सुखमय रहेगा। इसी प्रकार परिवार के अन्य सदस्यों की कमियों को त्यागते हुए अपने जीवन को सुखमय जीवन बनाने के लिए त्याग ही मूलमंत्र है।
मंत्री चंद्र मोहन गुलाटी ने आचार्य का धन्यवाद करते हुए कहा कि वास्तव आज के परिवेश में त्याग की भावना की कमी के कारण ही संबंध विच्छेद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और वैवाहिक जीवन टूटने की अवस्था में आ जाता है, इसलिए यह आवश्यक है हम अपने परिवार के सभी सदस्यों को व आस पास के लोगों को भी आर्य समाज में लायें तथा एक अच्छे समाज के निर्माण में सहयोगी रहें। इस अवसर पर प्रधान शशि कांत चड्ढा, रमेश बजाज ,रवि अहलावत, राजेश चुग्घ, इन्द्र मोहन आहूजा/गुलाटी, दीपांशु कटारिया, अनिल आर्य, ओम प्रकाश दावर, शक्ति ठकराल, आशीष दुहन तथा सुमित्रा अहलावत, गुलशन नंदा, ईश्वर चौधरी, बीरमती, सुमेधा गुलाटी, विदुषी, सुदर्शन आर्य, आशा, रेणु ठकराल, ज्योति ठकराल/कटारिया आदि उपस्थित रहे।