Aaj Samaj (आज समाज), Arya Samaj A Revolutionary Movement : Rampal Arya, अनुरेखा लांबरा, पानीपत : आर्य समाज एक क्रांतिकारी आंदोलन है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में फैले विभिन्न प्रकार के पाखंड, मत- मतांतर, जाति – पाति, अनेक प्रकार के संप्रदायों, मूर्ति पूजा आदि अंधविश्वास को दूर करने का एक विश्व व्यापी आंदोलन है। इसके प्रवर्तक महर्षि देव दयानंद सरस्वती हैं। स्वामी सरस्वती उन महान संतों में अग्रणी है, जिन्होंने देश में प्रचलित अंधविश्वास रूढ़िवादिता विभिन्न प्रकार के आडंबरों व सभी अमानवीय आचरण का विरोध किया। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए करते हुए, स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा दिए गए सिंहनाद को “दुनिया को अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए आपके पास सर्व श्रेष्ठ लौटकर आएगा” इस सोच को अपने जीवन में आत्मसात करने वाले रामपाल जागलान आर्य समाज के प्रचार प्रसार में निरंतर लगे हुए हैं।
- विरासत में मिला देश सेवा और समाज सेवा का भाव
- एक दृढ़ संकल्पित आर्य समाजी पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं रामपाल आर्य
दादा और पिता प्रेरणा स्रोत
रामपाल आर्य बताते हैं कि वो एक दृढ़ संकल्पित आर्य समाजी पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए वो बचपन से ही आर्य समाज की विचारधारा का अनुसरण करते हुए समाज सुधार कार्यों में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। रामपाल ने बताया कि उनका गांव इसराना में 14 अगस्त 1964 में एक आर्य समाजी परिवार में जन्म हुआ। उनके दादा चौ. प्रीत सिंह जो अंग्रेजों के समय में पटवारी थे, वो अपने जमाने के बहुत ही दृढ़ संकल्पित आर्य समाजी थे। उनका वर्ष 1975 में लगभग 100 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उनके दादाजी का आर्य समाज के प्रचार प्रसार में बहुत योगदान रहा।
रामपाल के दादा ने भगत फूल सिंह को भी आर्य समाज से जोड़ा
रामपाल ने बताया कि उनके दादा प्रीत सिंह अपने साथी फूलसिंह पटवारी, जो आज भगत फूल सिंह के नाम से जाने जाते हैं, उनको अपने साथ आर्य समाज पानीपत के कार्यक्रम में लेकर गए, फूलसिंह पटवारी आर्य समाज की विचारधारा से बहुत प्रभावित हुए और बाद में नौकरी से त्यागपत्र देकर अपना संपूर्ण जीवन आर्य समाज को समर्पित कर दिया, कन्याओं, बच्चों को वेद, भारतीय इतिहास व परंपरा का ज्ञान देना शुरू किया। फिर उन्होंने सन् 1920 में लड़कों तथा सन् 1926 में खानपुर में कन्याओं का गुरुकुल बनवाया। आज उन्हें अब भगत फूल सिंह के नाम से जानते हैं और आज उनके नाम से खानपुर में भगत फूल सिंह पहली महिला यूनिवर्सिटी एवं मेडिकल कॉलेज है।
पिता हिंदी आंदोलन में गए जेल
रामपाल ने बताया कि पिताजी रामचंद्र से भी उनको बहुत प्रेरणाएं मिली है। 1957 में हिंदी आंदोलन में उनके पिता करीब छ: महीने जेल में रहे। हिंदी आंदोलन के कारण हरियाणा सरकार की तरफ से उनको पेंशन मिलती है तथा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर हरियाणा सरकार की तरफ से उन्हें सम्मानित किया जाता है। पिता जी भारतीय सेना में तदुपरांत कृषि विभाग से सेवानिवृत्त हुए। रामपाल ने बताया कि देश सेवा और समाज सेवा का भाव उनको विरासत में मिला।
परिवार से मिले अच्छे संस्कार
रामपाल सिंह दिसंबर 2018 से आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल पानीपत की प्रबंधक समिति में प्रबंधक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा द्वारा संचालित आर्य कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय वीर भवन, पानीपत व आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कालका के प्रबंधक समिति के भी सदस्य रहे। रामपाल ने बताया कि परिवार से उन्हें संस्कार मिले और परिवार के वातावरण से सब सीख कर आज वो आर्य समाज समाज के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के अंदर बहुत कुरीतियां है, पाखंड और रूढ़िवादिता हैं, उनको आर्य समाज दूर करने के लिए प्रयासरत है। आर्य समाज महिलाओं की शिक्षा पर जोर देता है। साथ ही स्कूलों में शिक्षा और संस्कार पर बल दिया जाता है। समय-समय पर उच्च कोटि के विद्वानों को स्कूलों में बुलाया जाता है, ताकि बच्चों को संस्कार एवं व्यवहारिक ज्ञान देकर अच्छा इंसान बनाया जा सके।
बचपन से ही आर्य समाज के विभिन्न पदों पर रहे
रामपाल ने बताया कि उनके गांव में आर्य समाज संस्था है बचपन में ही वो सभा के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं देने लगे थे फिर धीरे धीरे विभिन्न पदों पर रहते हुए आज आर्य स्कूल के प्रबंधक पद पर कार्यरत है, ये पद पूर्ण रूप से अवैतनिक हैं। रामपाल ने बताया कि आर्य समाज की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाना, जिससे समाज में सुधार हो, कुरीतियां जड़ से खत्म हो जाएं, यही सच्ची समाज सेवा है, इसके लिए तन मन धन से वो हर वक्त सहयोग के लिए तत्पर रहते हैं।
गरीब बच्चों की करते हैं मदद
उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में 450 के करीब ऐसे बच्चे है, जो स्कूल फीस देने में असमर्थ हैं, जिनके सिर पर पिता का साया नहीं है ऐसे बच्चों की स्कूल फीस 50% माफ है। उन्होंने बताया कि अभी गत वर्ष से उनके स्कूल में सीबीएसई सत्र शुरू हो गया है, जिसकी फीस बहुत कम है, किसी भी सीबीएसई स्कूल की फीस इतनी कम नहीं होगी। इतना ही नही पढ़ाई का वातावरण, स्कूल स्टाफ बहुत अच्छा है। स्कूल में नियमित हवन होता है, और जिन बच्चों के जन्म दिन होते हैं उनसे विशेष रूप से हवन में आहुति डलवाई जाती है। स्कूल के साथ साथ आर्य समाज के किसी भी कार्य में आर्थिक सहयोग की जब भी जरूरत होती हैं हमेशा तैयार रहते हैं।
प्रयास रहता है कि लोगों को मिले न्याय
रामपाल लोक निर्माण विभाग में उप मंडल अभियंता के पद से अप्रैल 2022 में सेवानिवृत हैं। हालांकि वर्तमान में भी सरकार ने उसी पद पर रीएमप्लॉयमेंट दी हुई है। रामपाल बताते है कि उनके कार्यालय में भी कोई सड़क से सम्बंधित समस्या लेकर आते है, तो प्राथमिकता के आधार पर उसका निवारण करते है उनका प्रयास रहता है कि लोगों की मदद करें, लोगों को काम करना उनके साथ न्याय करना उनका कर्तव्य है।