Poisonous Water Remarks, (आज समाज), नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि अगर उनकी पार्टी ने विरोध नहीं किया होता, तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक करोड़ लोग पानी से वंचित रह जाते। बता दें कि केजरीवाल यमुना के पानी में हरियाणा सरकार पर जहर मिलाने के बयान को लेकर घिरे हैं और इसी को लेकर वह आज चुनाव आयोग पहुंचे थे। पूर्व सीएम ने इस दौरान कहा कि उन्होंने दिल्ली को जल संकट से बचाया है।

शोर नहीं मचाया होता तो पानी मिलना बंद हो जाता

केजरीवाल ने कहा कि विरोध प्रदर्शन नहीं किया होता और शोर नहीं मचाया होता तो दिल्ली के एक करोड़ लोगों को पानी मिलना बंद हो जाता। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय चुनाव आयोग उन्हें निशाना बना रहा है। बता दें कि यमुना के पानी में जहर मिलाने की टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग ने उन्हें इसके साक्ष्य पेश करने के लिए नोटिस भेजकर आज तक जवाब मांगा था।

नायब सैनी के बजाय मेरे पीछे पड़ा है चुनाव आयोग

आप संयोजक ने कहा, नायब सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कार्रवाई करने की बजाय चुनाव आयोग मेरे पीछे पड़ा है। मुझे सजा की धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव वाले राज्यों के पड़ोसी राज्य पानी रोककर चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। दिल्ली में खुलेआम पैसे, साड़ियां, जूते और जैकेट बांटे जा रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग चुप है। वह भाजपा के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा रहा है।

दिल्ली के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ना साजिश

आप प्रमुख ने यह भी कहा, मुझे जो भी सजा दी जाएगी, मैं उसे स्वीकार करूंगा। हमने चुनाव आयोग से समय नहीं लिया है, अगर हम उनसे मिलते हैं तो ठीक है, नहीं तो हम गेट पर आकर तीनों आयुक्तों को अपना जवाब और पानी की बोतल देंगे। केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ना शहर की जल आपूर्ति को बाधित करने के उद्देश्य से एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। हरियाणा सरकार की प्रतिक्रिया एक राजनीति से प्रेरित कदम है।

आतिशी ने नायब सिंह सैनी से की शिकायत

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को फोन करके पानी में बढ़ते अमोनिया स्तर की शिकायत की। उन्होंने कहा कि या तो अमोनिया स्तर कम किया जाए या फिर अमोनिया स्तर को कम करने के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ा जाए। उन्होंने मांगों पर सहमति जताई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसा तीन बार हुआ और उसके बाद उन्होंने आतिशी के फोन उठाने बंद कर दिए। यहां तक कि भगवंत मान ने भी हरियाणा के मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश की, जिस पर उन्हें आश्वासन दिया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक-एक करके दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने लगे।

ये भी पढ़ें : Budget Session 2025: दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा भारत