हरियाणा पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का लगाया था आरोप
जल सेवा डिवीजन इंजीनियर ने कोर्ट में दायर की याचिका
वकील ने कोर्ट में दाखिल किया वकालतनामा, 20 मार्च को होगी अगली सुनवाई
Sonipat News (आज समाज) सोनीपत: यमुना के पानी में हरियाणा द्वारा लहर मिलाने के मामले में घिरे दिल्ली के पूर्व सीएम व आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सोनीपत कोर्ट में पेश नहीं हुए। केजरीवाल की तरफ से उनके ने कोर्ट में वकालतनामा दायर किया। मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। आज आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को कोर्ट रूम नंबर 9 में नेहा गोयल सीजेएम के सामने पेश होना था। जिसको लेकर काफी हलचल भी थी। पुलिस प्रशासन भी काफी अलर्ट था।
लेकिन अरविंद केजरीवाल के वकील की तरफ से वकालत नामा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद कोर्ट के माध्यम से कंप्लेंट सप्लाई की जानी थी। कंप्लेंट सप्लाई न होने के चलते अगली तारीख 20 मार्च लगाई गई है।
गौरतलब है कि केजरीवाल ने दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान हरियाणा पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया था। केजरीवाल के इसी बयान को आधार बनाते हुए हरियाणा सरकार ने केजरीवाल के खिलाफ सोनीपत में याचिका दायर की थी।
सोनीपत सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 2-डी और 54 के तहत याचिका दायर होने के बाद कोर्ट में उनकी पेशी के लिए 17 फरवरी की तारीख तय की गई थी। आज उन्हें सोनीपत कोर्ट में पेश होना है। यह मामला हरियाणा के राई जल सेवा डिवीजन के कार्यकारी इंजीनियर आशीष कौशिक की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
केजरीवाल के बयान के बाद आसपास के लोग आए सिंचाई विभाग के कार्यालय
कार्यकारी अभियंता आशीष कौशिक ने शिकायत में बताया था कि 28 जनवरी को यमुना नदी से सटे हुए आसपास के गांव की भीड़ सिंचाई विभाग के कार्यालय में एकत्रित हो गई थी और इसको लेकर सिंचाई विभाग से लोग पूछताछ करने लगे और कहा कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में जहर क्यों डाला है।
इससे जानवरों और लोगों की मौत हो जाएगी। इसको लेकर लोगों से जब कारण पूछा गया तो लोगों ने सोशल मीडिया पर चलने वाली एक वीडियो क्लिप दिखाई और जिसमें अरविंद केजरीवाल यह बयान दे रहे थे कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी के पानी में जहर मिला दिया है।
मुश्किल से भीड़ को किया शांत
स्थानीय लोगों द्वारा यह भी कहा गया की वीडियो में यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि दिल्ली जड़ बोर्ड के अधिकारियों के अलर्ट के कारण पानी में जहर की जानकारी मिल गई है और जिसके चलते दिल्ली के कई निवासियों की जान बचाई गई है। उसके बाद यह भी बताया गया है कि बाद में लोगों को शांत किया गया और उन्हें आश्वासन दिया गया की वायरल वीडियो में जिस प्रकार का दावा किया गया है ,वैसा कुछ भी नहीं है।
पानी में किसी भी प्रकार का कोई जहर नहीं है और यह अरविंद केजरीवाल का बयान बिल्कुल गलत है। उसके बाद भीड़ शांत हुई और लोग वापस चले गए। इसी के चलते अरविंद केजरीवाल के खिलाफ याचिका दायर की।
हरियाणा सरकार ने बयान को बताया था भ्रामक
हरियाणा सरकार ने केजरीवाल के बयान को गैर-जिम्मेदाराना और भ्रामक बताया था। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के आरोप बिना किसी ठोस सबूत के लगाए गए हैं, जिससे जनता में भय और असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है। इस पूरे मामले पर हरियाणा के सीएम ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि राज्य सरकार यमुना के जल की गुणवत्ता को लेकर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जा रही है।
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