Article 370 Verdict: जम्मू-कश्मीर में सब सामान्य, स्थानीय लोगों के लिए अनुच्छेद 370 अब कोई मुद्दा नहीं

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Article 370 Verdict
जम्मू-कश्मीर में सब सामान्य, स्थानीय लोगों के लिए अनुच्छेद 370 अब कोई मुद्दा नहीं।

Aaj Samaj (आज समाज), Article 370 Verdict, श्रीनगर: सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को फैसला सुनाएगा, जिसे देखते हुए पुलिस व प्रशासन अलर्ट है। वहीं घाटी में सब कुछ सामान्य है। अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर कहीं किसी तरह का विरोध नहीं है। स्थानीय लोगों व समाजसेवियों का कहना है कि अनुच्छेद 370 उनके लिए अब कोई मुद्दा नहीं है।

  • अफवाह फैलाकर डर पैदा करने पर होगी कठोर कार्रवाई

370 वापस चाहिए होता तो आज कश्मीर बंद होता : समाजसेवी

पुलिस और प्रशासन की ओर से अनुच्छेद 370 मामले को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई अफवाह फैलाकर लोगों में डर पैदा करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ तत्काल कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। समाजसेवी सलीम रेशी का कहना है कि कश्मीर में सब सामान्य है। उन्होंने कहा, अगर कश्मीर के लोगों को अनुच्छेद 370 वापस चाहिए होता तो दबाव बनाने के लिए आज कश्मीर बंद होता। अन्य समाजसेवक एजाज अहमद ने कहा, आम कश्मीरी अब किसी तरह के झांसे में नहीं आने वाला। अब 370 नहीं, केवल जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की बात होगी।

370 को बनाए रखने के लिए कभी कोई जुलूस निकला : लेखक

कश्मीर के प्रसिद्ध लेखक बिलाल बशीर ने कहा, क्या यहां आम लोगों ने अनुच्छेद 370 को बनाए रखने के लिए कभी कोई जुलूस निकाला है। ऐसा न 370 हटने से पहले हुआ और न बाद में। आम कश्मीरियों के लिए अनुच्छेद 370 कोई मुद्दा नहीं है। शॉल विक्रेता जावेद नक्शबंदी ने कहा, अनुच्छेद 370 का मसला केवल राजनीति दलों के बीच का है। यहां कोई इस बात की चिंता नहीं करता कि अदालत में क्या होगा। यहां कारोबार चल रहा है, स्कूल खुल रहे हैं, बस यही चाहिए। स्थानीय निवासी फिरदौस बट ने कहा, अनुच्छेद 370 आम लोगों के नाम पर सियासत करने वालों का सियासी मुद्दा है, मेरे जैसे लोगों का नहीं। जम्मू-कश्मीर में बहुत कुछ बदल चुका है।

मुख्यधारा के नेता किए जा सकते हैं नजरबंद : महबूबा मुफ्ती

नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आशंका जताई कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से पहले कश्मीर में मुख्यधारा के सभी नेताओं को नजरबंद या हिरासत में लिया जा सकता है। वहीं, भाजपा ने उम्मीद जताई कि जो भी फैसला आएगा देश के लोग उसका दिल से सम्मान करेंगे।

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