Art of Living Organization: आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा गुरूपूजा समारोह आयोजित

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एकेडमी का स्टॉफ व बच्चे धूमधाम से उत्सव मनाते हुए व अपनी प्रतिभा दिखाते हुए।
एकेडमी का स्टॉफ व बच्चे धूमधाम से उत्सव मनाते हुए व अपनी प्रतिभा दिखाते हुए।

Aaj Samaj (आज समाज), Art of Living Organization, मनोज वर्मा, कैथल:
श्री श्री रविशंकर द्वारा संचालित संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा सर्वजन हिताय हेतू आचार्या कंचन सेठ के निवास कैलाश भवन में गुरुपूजा आयोजित की गई। आचार्या अल्पना मित्तल एवं संस्था सचिव भारत खुराना व कमल कांत गांधी ने बताया कि आचार्या कंचन सेठ के पावन सानिध्य में सम्पन्न गुरुपूजा के पश्चात् परमपूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर उनके राष्ट्रीय हित में एक आदर्श भारतीय नागरिक का उत्तरदायित्व क्या होना चाहिए, इस पर उनके अमूल्य विचार उद्धरित किए गए।

हमारे देश के लिए हमारा क्या उत्तरदायित्व है इस पर गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने कहा कि भारत सिर्फ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक नहीं है, यह सांस्कृतिक रूप से जीवंत, धार्मिक रूप से सहिष्णु और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने वाली भूमि भी है। वर्तमान में भारत की शक्ति बढ़ी है। भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। देश में अभी भी बहुत सुधार किया जाना बाकी है।

लेकिन हम सही दिशा में जा रहे हैं। हमें विश्वास है कि इस देश के लोगों का भविष्य बहुत उज्जवल है। भारत की आवाज़ हमेशा समझदार और न्यायपूर्ण रही है। यह कुछ ऐसा है जिस पर अब दुनिया ने ध्यान देना शुरू कर दिया है। हम समझदार हैं और पूरी दुनिया की भावनाओं और संवेदनाओं के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। आज पूरी दुनिया जागृत हो रही है और देख रही है कि विश्व शांति में भारत क्या भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत कई संस्कृतियों और परंपराओं का मिश्रण है। हमने कई विविधताओं को अपनाया है। हम सभी परंपराओं, सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। भारत में सभी धर्मों को स्थान मिला है और सभी का सम्मान किया जाता है। हमारे देश के एक हिस्से में कम्युनिस्ट सरकार है।

हमारे पास बहुदलीय लोकतंत्र है जो दुनिया में कहीं नहीं है। अधिकांश सफल लोकतंत्रों में दो से तीन बड़ी पार्टियाँ होती हैं। हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है। ऐसा लगता है कि यह हमारे इतिहास का एक नया अध्याय है, हम अपनी जड़ों की ओर वापस आ गए हैं। हमने भारत की महिमा, अपनी संस्कृति और अपनी सभ्यता को पहचान लिया है। इससे हमारे युवाओं में आत्मविश्वास पैदा होगा, आज के युवा हमारे इतिहास, दर्शन, अध्यात्म में बहुत रुचि रखते हैं। यह हमारी सॉफ्ट पॉवर है। कुछ वर्ष पहले अमेरिका में एक साक्षात्कार में हमसे पूछा गया था कि यदि हम लोकतंत्र के बजाय तानाशाही होते तो क्या भारत आर्थिक रूप से तेजी से प्रगति करता। हम यह जानते हैं कि हम ऐसा लोकतंत्र बनना पसंद करेंगे जहां प्रत्येक व्यक्ति की आवाज सुनी जाए।

विपक्ष को सरकार की कमियां अवश्य बतानी चाहिए। लेकिन सिर्फ विपक्ष में बैठने के कारण हर बात का विरोध नहीं करना चाहिए। ऐसे भी मौके आते हैं जब सभी को एक साथ आना चाहिए और उत्सव मनाना चाहिए। समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सहयोग की भावना ही देश को तेजी से प्रगति के पथ पर ले जाएगा। सभी को अपना नाम मतदाता सूची में अवश्य दर्ज कराना चाहिए।

जिन लोगों ने पंजीकरण कराया है, उन्हें अपने मत का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यह आपका पवित्र कर्तव्य है। वोट करते समय अपनी जाति, समुदाय और धर्म न देखें बल्कि ऐसे व्यक्ति को वोट दें जो अच्छा हो और जो समाज की सेवा कर सके। जब उम्मीदवार आपसे वोट मांगने आएं तो उनसे कहिये कि मैं विचार करूंगा।

यदि वे पैसे की पेशकश करते हैं, तो कुछ नोटों के लिए अपने वोट न बेचें, यह अपनी आत्मा बेचने जैसा है। ‘वोट के बदले नकद नहीं’ – यही आपकी नीति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे लोग बहुत समझदार हैं, मैं उनकी सराहना करता हूं। ग्रामीण इलाकों में भी वे काफी समझदार हैं, काफी बुद्धिमान हैं।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, यह एक जीवंत, सांस लेता लोकतंत्र है। इसे बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। कार्यक्रम का समापन सभी साधकों द्वारा प्रशाद ग्रहण करने से हुआ।

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