मनोज वर्मा, कैथल:
वैश्विक आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर द्वारा संचालित संस्था आर्ट आॅफ लिविंग की कैथल इकाई के तत्वावधान में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर गुरु-ज्ञान, साधना एवं सत्संग जैसे दिव्य रत्नों से सुशोभित दिव्यशीष शिविर का समापन स्वामी दिव्यतेज तथा प्रतिभागी साधकों द्वारा श्रीकृष्ण सम्बंधित भजनों की श्रृंखला से सुसज्जित दिव्य भजन सत्संग के साथ सम्पन्न हुआ। जानकारी देते हुए आर्ट आॅफ लिविंग आचार्या कंचन सेठ ने बताया कि, वेदविज्ञान महाविद्यापीठ, कपिस्थल आश्रम, कैथल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्वामी दिव्यतेज के पावन सानिध्य में साधकों ने ज्ञान-ध्यान, सत्संग, अदभुत सुदर्शन क्रिया, बौद्धिक एवं दार्शनिक वातार्लाप के अतिरिक्त गहरे ध्यान एवं विशिष्ट क्रियाओं-प्रक्रियाओं के माध्यम से परमपूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के निमित्त के रूप में दिव्याशीष प्रदान करने की सुपात्रता अर्जित की। विश्व-कल्याण एवं विश्व-शान्ति हेतू नियमित साधना को संजीवनी बूटी रूपी रामबाण औषधि बताते हुए परमपूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने वेबकास्ट द्वारा सीधे प्रसारण के माध्यम से अपने दिव्य-संदेश में कहा कि क्षमा, संजीदगी, दया, सन्तोष तथा सत्य जैसे दिव्य गुणों को अपने दुर्लभ मानव जीवन का अभिन्न अंग बनाते हुए अपने जीवन को यज्ञ-रूपी-जीवन में रूपांतरित कर सकते हैं। प्रतिभागी साधकों द्वारा परमपूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के पावन सानिध्य में अद्भुत अष्टावक्र-गीता का श्रवण करते हुए गुरु-ज्ञान-गंगा में डुबकी लगाकर स्वयं को जानना और फिर स्वयं को जानकर स्वयं को ही परमपूज्य गुरुदेव के समक्ष पूर्णरूपेण समर्पित कर देना इस सम्पूर्ण आयोजन का दिव्य आकर्षण रहा।
इस दिव्य आयोजन के माध्यम से विजय हसीजा, रेणू मित्तल, गरिमा गुगलानी, दीपक गोयल, रजत भाटिया, अमित फुटेजा, आराध्या, अमनदीप, शैली सिक्का, गरिमा अरोड़ा, वरुण गुप्ता, आरती मेहता, वंदना बजाज, सुमित वर्मा तथा कविता गाँधी, कमलकांत गांधी आदि साधक लाभान्वित हुए।
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