प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर:
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एसपी मोहित हाण्डा के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए बूडिया पुलिस चौकी की टीम ने विजय नगर कालोनी निवासी पुनीत कांबोज को रिलायंस का पेट्रोल पंप लगवाने के नाम पर ठगी के आरोपी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के दामोदर नगर निवासी आसिफ खान को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी ने खुद को रिलायंस कंपनी का अधिकारी बताया था।उस समय उसने अपना नाम अश्वनी बताया था। पैसा ठगने के बाद उसने नंबर बंद कर लिया था। इस मामले में शहर जगाधरी थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था। जिसके बाद से ही पुलिस आरोपी की तलाश में थी। आरोपी को कोर्ट में पेश कर छह दिन के रिमांड पर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। ठगी करने में उसके दो और साथी शामिल थे।
एप के माध्यम से आवेदन मांगा
बूड़िया गेट चौकी इंचार्ज गुरदयाल सिंह ने बताया कि विजय नगर कालोनी निवासी पुनीत कांबोज की शिकायत पर चार जून 2022 को केस दर्ज किया गया था। जिसके अनुसार, पुनीत की फेसबुक आइडी पर एक एप के बारे में मैसेज आ रहा था। जब इस एप काे खोलकर देखा, तो यहां से जीओ बीपी की साइट भी खुल गई। यहां पर पेट्रोल पंप की डीलरशिप के लिए आवेदन मांगा जा रहा था। जिस पर पुनीत कांबोज ने पंप की डीलरशिप के लिए आनलाइन आवेदन कर दिया। इसकी आनलाइन 12 हजार 300 रुपये फीस भी जमा कराई। कुछ देर बाद एक इनवाइस रिलायंस बीपी मोबोलिटी नवी मुंबई से पैसे निकलने के बारे में प्राप्त हुआ। फिर जीओ बीपी की तरफ से एक काल आई और उनसे वैरिफाइ करने के नाम पर दस्तावेज मांगे।
उसके बाद 23 मार्च 2022 को इस नंबर से दोबारा काल आई और कहा गया कि डीलरशिप मंजूर हो चुकी है। रिलायंस बीपी मोबोलिटी के खाता नंबर के एक्सिस बैंक मुंबई के खाते में तीन लाख रुपये जमा कराने के बारे में कहा गया। जिस पर उसने 25 मार्च को आरटीजीएस के माध्यम से पैसा जमा करा दिया। पैसा जमा होने की रसीद भी प्राप्त हुई। इसके बाद लाइसेंस फीस के लिए पांच लाख 45 हजार रुपये जमा कराने के लिए कहा गया। यह पैसा भी जमा करा दिया, लेकिन इसकी कोई रसीद नहीं मिली। फिर डीजल व पेट्रोल के टैंक आर्डर के लिए छह लाख 25 हजार रुपये आनलाइन मंगवाए गए।
18 लाख 2300 रुपये ठगे गए थे
इसकी भी रसीद नहीं मिली। जब इस बारे में पूछा, तो आरोपी ने कह दिया कि जब साइट पर वैरिफिकेशन के लिए आएंगे, तो रसीद दे दी जाएगी। अभी साइट से संबंधित कोई इकरारनामा नहीं करना है। कंपनी ही अपनी ओर से यह इकरारनामा करेगी। 10 से 15 दिन के अंदर टीम आ जाएगी। टीम न आने व काफी समय बीतने के बाद जब आरोपी से बात की, तो उसने पंजाब की साइट पर काम चलने की बात कही और कहा कि कुछ दिन बाद टीम यहां आ जाएगी। फिर दो मशीन, दो पेट्राेल व सीएनजी व एक मशीन ईवी चार्जिंग के लिए कंपनी की ओर से आर्डर लगने के नाम पर तीन लाख 20 हजार रुपये भी ले लिए। आठ अप्रैल को आरोपी का फोन बंद आया। इस तरह से उससे 18 लाख 2300 रुपये ठगे गए थे।आरोपी को कोर्ट में पेश कर आठ दिन के रिमांड पर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। ठगी करने में उसके दो और साथी शामिल थे उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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