Army Jawan Died Due To Electrocution : सेना के जवान की ड्यूटी के दौरान करंट लगने से हुई मौत,पिछले19 सालों से देश की रक्षा कर रहा था जवान,7 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

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सेना के जवान की ड्यूटी के दौरान करंट लगने से हुई मौत
सेना के जवान की ड्यूटी के दौरान करंट लगने से हुई मौत

Aaj Samaj (आज समाज),Army Jawan Died Due To Electrocution, करनाल,23 जून, इशिका ठाकुर :
हंसते खेलते परिवार को लगा झटका,सेना के जवान की ड्यूटी के दौरान करंट लगने से हुई मौत,पिछले19 सालों से देश की रक्षा कर रहा था जवान,7 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि।

करनाल के गांव सीकरी के लोगों को आज एक बड़े दुख का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की आंखें दुख और गम के कारण नम है।कारण गांव का ही एक नौजवान जिसने अपना बचपन गांव की गलियों में खेलते हुए गुजारा। जवान होकर देश की सेवा एवम रक्षा का बीड़ा उठाया। पिछले 19 सालों से भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा जी जान से की।लेकिन अब वो गांव का बेटा क्योंकि गांव में अब दोबारा से नजर नहीं आएगा। महज रह गई उसकी कुछ यादें और पिछले बिलखता हुआ परिवार।

देश के मान सम्मान के लिए हमेशा तैयार रहता था

बता दें कि सीकरी निवासी सोमबीर जो पिछले 19 साल से देश की रक्षा में लगा हुआ था। देश के मान सम्मान के लिए हमेशा तैयार रहता था। जब भी गांव आता तो अपने बच्चों के साथ साथ गांव के बच्चों को भी फौज के किस्से सुनाता। अब सोमबीर सिंह भी एक याद बनकर रह गए है। सोमबीर के गांव में आने पर जहां परिवार खुश होता था वही गांव के बच्चें बूढ़े सभी सम्मान करते थे।अब सोमबीर खुद नहीं आया, सोमबीर का पार्थिव शरीर आया है।

सेना के जवान की ड्यूटी के दौरान करंट लगने से हुई मौत
सेना के जवान की ड्यूटी के दौरान करंट लगने से हुई मौत

2 महीने के बाद सोमबीर ने  लेनी थी रिटायरमेंट

दरअसल सोमबीर महाराष्ट्र के अहमदनगर में पोस्टेड था, लगातार देश के लिए अपनी सेवाएं दे रहा था। लेकिन परसों करंट लगने के हादसे में सोमबीर की जान चली गई। जब इस बात की सूचना गांव में पहुंची तो पूरा गांव में गमगीन माहौल और सन्नाटा पसर गया। वहीं सेना की टुकड़ी उनके पार्थिव शरीर को लेकर पहुंची तो गांव में हर इंसान की आंखों में आसूं थे । सोमबीर 39 साल के थे और बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए 2 महीने के बाद उन्होंने रिटायरमेंट लेनी थी। अपनी मां का ध्यान रखना था। लेकिन एक हादसे ने सब सपनों और अरमानों को चकनाचूर कर दिया। राजकीय सम्मान के साथ सैनिक को सलामी दी गई वही 7 साल के बेटे ने अपनी पिता को मुखाग्नि दी।

गांव के लोगों ने सरकार से मांग रखी कि उनके याद में कोई चौक,स्टेडियम या कुछ अन्य यादगार स्मारक बनाया जाए ताकि उन्हें हमेशा याद रखा जा सके। वहीं उनकी यूनिट के सैनिकों ने भी राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया और उन्हें याद किया और बताया कि वो बड़े सहज स्वभाव के थे और काफी संस्कारी थे, लेकिन उनका जाना हमारे लिए भी एक बहुत बड़ी क्षति है।

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