आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
पंजाब पुलिस ने प्रतिबंधित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पाकिस्तान में रह रहे रोडे पर ड्रोन का इस्तेमाल कर अमृतसर जिले के सीमावर्ती इलाकों में हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी का आरोप है।
पंजाब पुलिस ने प्रतिबंधित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पाकिस्तान में रह रहे रोडे पर ड्रोन का इस्तेमाल कर अमृतसर जिले के सीमावर्ती इलाकों में हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी का आरोप है।
पंजाब पुलिस की स्पेशल आपरेशन सेल ने रोडे के खिलाफ मामला दर्ज किया। रोडे के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा-25, विस्फोटक पदार्थ (संशोधन) अधिनियम की धारा-3, 4, 5, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-120, 120-बी (आपराधिक साजिश) और 13 के तहत मामला दर्ज(Arms smuggling case filed against Khalistan Liberation Force chief) किया है।
एसएसओसी के पुलिस उपाधीक्षक हरविंदर पाल सिंह की शिकायत पर मामले दर्ज किया गया है। इसमें अमृतसर में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की 18, 18-ए, 18-बी और 20 धाराएं भी जोड़ी गई हैं। प्राथमिकी के अनुसार डीएसपी हरविंदर को गुप्त सूचना मिली थी कि रोडे विभिन्न राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में सक्रिय है। पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस और अन्य अलगाववादियों के संपर्क में है। वह पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है।
जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा है रोडे
लखबीर सिंह रोडे क खालिस्तानी अलगाववादी और जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा है। वह वर्तमान में इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख है, जिसकी पश्चिमी यूरोप, कनाडा आदि में एक दर्जन से अधिक शाखाएं हैं। रोडे पंजाब में विभिन्न आपराधिक मामलों में वांछित है।
बीते साल सबसे ज्यादा ड्रोन पंजाब में दिखे
जम्मू-कश्मीर की तुलना में 2021 में पंजाब में सबसे ज्यादा ड्रोन देखे गए। बीएसएफ ने 2021 में पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 100 ड्रोन देखे जाने की सूचना दी है। इनमें से 67 पंजाब में, 24 जम्मू क्षेत्र में, 6 राजस्थान में, 2 गुजरात में और 1 कश्मीर क्षेत्र में देखा गया है। प्रभावी काउंटर-ड्रोन तकनीक के अभाव में बीएसएफ के जवान सीमा पर देखे गए ड्रोनों को गोली मारकर गिराने की कोशिश करते हैं। लेकिन उन्हें बहुत कम सफलता मिली है। अक्सर दावा किया जाता है कि फायरिंग के बाद ड्रोन पाकिस्तानी क्षेत्र में वापस चले जाते हैं।