***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक :-04/11/2022, शुक्रवार
एकादशी, शुक्ल पक्ष,
कार्तिक
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। यात्रा के योग बनेंगे। लाभ होगा। राज्य से परेशानी हो सकती है। स्त्री को कष्ट। जायदाद वृद्धि के योग बनेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे।
तिथि———एकादशी 18:07:45 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र—- पूर्वा भाद्रपदा 24:11:09
योग———- व्याघात 27:13:48
करण———– वणिज 06:46:17
करण——- विष्टि भद्र 18:07:45
करण————– बव 29:34:19
वार———————– शुक्रवार
माह———————– कार्तिक
चन्द्र राशि——–कुम्भ 18:18:26
चन्द्र राशि——————– मीन
सूर्य राशि——————— तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर—————— शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————– नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————— 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:32:55
सूर्यास्त—————- 17:32:12
दिन काल————- 10:59:16
रात्री काल————- 13:01:26
चंद्रोदय————— 15:17:44
चंद्रास्त—————- 27:18:13
लग्न—- तुला 17°25′ , 197°25′
सूर्य नक्षत्र—————— स्वाति
चन्द्र नक्षत्र———– पूर्वा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
से—- पूर्वभाद्रपदा 06:36:40
सो—- पूर्वा भाद्रपदा 12:26:56
दा—- पूर्वा भाद्रपदा 18:18:26
दी—- पूर्वा भाद्रपदा 24:11:09
दू—- उत्तरा भाद्रपदा 30:05:11
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 17 :29 स्वाति , 4 ता
चन्द्र =कुम्भ 23 °23, पू o भा o, 1 से
बुध =तुला 14 ° 34′ स्वाति ‘3 रो
शुक्र=तुला 20°05, विशाखा ‘ 1 ती
मंगल=मिथुन 01°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 05°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 19°10 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 19°10 विशाखा , 4 ता
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल 10:40 – 12:03 अशुभ
यम घंटा 14:47 – 16:10 अशुभ
गुली काल 07:55 – 09:18 अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 08:45 – 09:29 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:25 – 13:08 अशुभ
वर्ज्यम 06:59 – 08:33 अशुभ
🚩पंचक अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर 06:33 – 07:55 शुभ
लाभ 07:55 – 09:18 शुभ
अमृत 09:18 – 10:40 शुभ
काल 10:40 – 12:03 अशुभ
शुभ 12:03 – 13:25 शुभ
रोग 13:25 – 14:47 अशुभ
उद्वेग 14:47 – 16:10 अशुभ
चर 16:10 – 17:32 शुभ
🚩चोघडिया, रात
रोग 17:32 – 19:10 अशुभ
काल 19:10 – 20:48 अशुभ
लाभ 20:48 – 22:25 शुभ
उद्वेग 22:25 – 24:03* अशुभ
शुभ 24:03* – 25:41* शुभ
अमृत 25:41* – 27:18* शुभ
चर 27:18* – 28:56* शुभ
रोग 28:56* – 30:34* अशुभ
💮होरा, दिन
शुक्र 06:33 – 07:28
बुध 07:28 – 08:23
चन्द्र 08:23 – 09:18
शनि 09:18 – 10:13
बृहस्पति 10:13 – 11:08
मंगल 11:08 – 12:03
सूर्य 12:03 – 12:58
शुक्र 12:58 – 13:52
बुध 13:52 – 14:47
चन्द्र 14:47 – 15:42
शनि 15:42 – 16:37
बृहस्पति 16:37 – 17:32
🚩होरा, रात
मंगल 17:32 – 18:37
सूर्य 18:37 – 19:42
शुक्र 19:42 – 20:48
बुध 20:48 – 21:53
चन्द्र 21:53 – 22:58
शनि 22:58 – 24:03
बृहस्पति 24:03* – 25:08
मंगल 25:08* – 26:13
सूर्य 26:13* – 27:18
शुक्र 27:18* – 28:23
बुध 28:23* – 29:29
चन्द्र 29:29* – 30:34
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
तुला > 04:14 से 06:25 तक
वृश्चिक > 06:25 से 08:46 तक
धनु > 08:46 से 11:16 तक
मकर > 11:16 से 12:54 तक
कुम्भ > 12:54 से 14:24 तक
मीन > 14:24 से 14:56 तक
मेष > 14:56 से 16:30 तक
वृषभ > 16:30 से 19:16 तक
कर्क > 19:16 से 11:46 तक
सिंह > 11:46 से 02:04 तक
कन्या > 02:04 से 04:06 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
11 + 6 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक दुःख कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रातः 06:46 से 18:07 तक
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*देव प्रबोधिनी एकादशी व्रत (सर्वेषां)
* तुलसी सालाग्राम विवाह
*तीन वन परिक्रमा
*भीष्म पंचक प्रारम्भ
* कालीदास जयंती
* संत नामदेव जयंती
*पंडरपुर यात्रा
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
अनागतविधाता च प्रत्युत्पन्नमतिस्तथा ।
द् वावेतौ सुखमेधेते यद्भविष्यो विनश्यति ।।
।। चा o नी o।।
जो भविष्य के लिए तैयार है और जो किसी भी परिस्थिति को चतुराई से निपटता है. ये दोनों व्यक्ति सुखी है. लेकिन जो आदमी सिर्फ नसीब के सहारे चलता है वह बर्बाद होता है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
पश्य मे पार्थ रूपाणि शतशोऽथ सहस्रशः ।,
नानाविधानि दिव्यानि नानावर्णाकृतीनि च ॥,
श्री भगवान बोले- हे पार्थ! अब तू मेरे सैकड़ों-हजारों नाना प्रकार के और नाना वर्ण तथा नाना आकृतिवाले अलौकिक रूपों को देख॥,5॥,
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