Aries Horoscope 31 March 2022 मेष राशिफल 31 मार्च 2022

0
414
Aries Horoscope 31 March 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम्  *** 
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** ***

दिनाँक-: 31/03/2022,गुरुवार
चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष
चैत्र
*** *** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मेष

Aries Horoscope 31 March 2022: आज का दिन आपके आत्मविश्वास में वृद्धि का दिन रहेगा। नए मित्र बनेंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर अवसर बढ़ेंगे। समस्याएं कम होंगी। मान-सम्मान मिलेगा। मित्र व रिश्तेदारों से संबंध सुधरेंगे। बुद्धि का प्रयोग करें। व्यापार-व्यवसाय व नौकरी से अनुकूलता बनी रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। संतान को किसी सरकारी नौकरी की प्राप्ति होने से आपका दिल बागवान हो उठेगा और आप खुशी के मारे फूले नहीं समाएंगे, लेकिन उसमें भी आपको सावधान रहना होगा, क्योंकि आपका कोई शत्रु आपकी किस तरक्की को देखकर जल सकता है, जो लोग सट्टेबाजी में धन का निवेश करते हैं, उनको सावधान रहना होगा, क्योंकि वह अपना धन कहीं गलत जगह निवेश कर सकते हैं। व्यापारियों के लिए लाभ की स्थिति बनी रहेगी, लेकिन यदि उन्हें पहचानेंगे, तभी सफल रहेंगे। सायंकाल का समय आप अपने जीवनसाथी के साथ कुछ समय अकेले में व्यतीत व्यक्त करेंगे।

तिथि——- चतुर्दशी 12:21:51 तक

पक्ष————————कृष्ण
नक्षत्र—-पूर्वाभाद्रपदा10:29:28
योग———- शुक्ल 11:06:13
करण——- शकुनी 12:21:51
करण——-चतुष्पद 24:03:43
वार——————— गुरूवार
माह————————–चैत्र
चन्द्र राशि ———————–मीन
सूर्य राशि——————- मीन
रितु———————–वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर) ————-आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:12:19
सूर्यास्त————- 18:34:46
दिन काल———– 12:22:27
रात्री काल———– 11:36:25
चंद्रास्त————– 17:49:31
चंद्रोदय————– 30:18:27

लग्न—-मीन 16°7′ , 346°7′

सूर्य नक्षत्र——– उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र——— पूर्वाभाद्रपदा
नक्षत्रपाया—————–ताम्र

*** पद, चरण *** 

दी—- पूर्वाभाद्रपदा 10:29:28

दू—-उत्तराभाद्रपदा 16:29:01

थ—- उत्तराभाद्रपदा 22:30:21

झ—- उत्तराभाद्रपदा 28:33:33

Read Also : रोगों से मुक्ति देती है देवी माँ शीतला माता Goddess Sheetla Mata Gives Freedom From Diseases

***  ग्रह गोचर *** 

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** *** *** 
सूर्य=मीन 16:12 ‘उ o भा o , 4 ञ
चन्द्र =मीन 00°23 ‘पूoभाo , 4 दी
बुध = मीन 13 ° 07’ उo भा o ‘ 3 झ
शुक्र=मकर 29°05, धनिष्ठा ‘ 2 गी
मंगल=मकर 24°30 ‘ धनिष्ठा’ 1 गा
गुरु=कुम्भ 26°30 ‘ पू o भा o, 2 सो
शनि=मकर 27°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 00°40’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 00°40 विशाखा , 4 तो

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 13:56 – 15:29 अशुभ
यम घंटा 06:12 – 07:45 अशुभ
गुली काल 09:18 – 10:51 अशुभ
अभिजित 11:59 -12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 10:20 – 11:09 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:17 – 16:06 अशुभ

पंचक अहोरात्र अशुभ

चोघडिया, दिन
शुभ 06:12 – 07:45 शुभ
रोग 07:45 – 09:18 अशुभ
उद्वेग 09:18 – 10:51 अशुभ
चर 10:51 – 12:24 शुभ
लाभ 12:24 – 13:56 शुभ
अमृत 13:56 – 15:29 शुभ
काल 15:29 – 17:02 अशुभ
शुभ 17:02 – 18:35 शुभ

चोघडिया, रात
अमृत 18:35 – 20:02 शुभ
चर 20:02 – 21:29 शुभ
रोग 21:29 – 22:56 अशुभ
काल 22:56 – 24:23* अशुभ
लाभ 24:23* – 25:50* शुभ
उद्वेग 25:50* – 27:17* अशुभ
शुभ 27:17* – 28:44* शुभ
अमृत 28:44* – 30:11* शुभ

Read Also: घर में होगा सुख-समृद्धि का वास Happiness And Prosperity In House

होरा, दिन
बृहस्पति 06:12 – 07:14
मंगल 07:14 – 08:16
सूर्य 08:16 – 09:18
शुक्र 09:18 – 10:20
बुध 10:20 – 11:22
चन्द्र 11:22 – 12:24
शनि 12:24 – 13:25
बृहस्पति 13:25 – 14:27
मंगल 14:27 – 15:29
सूर्य 15:29 – 16:31
शुक्र 16:31 – 17:33
बुध 17:33 – 18:35

होरा, रात
चन्द्र 18:35 – 19:33
शनि 19:33 – 20:31
बृहस्पति 20:31 – 21:29
मंगल 21:29 – 22:27
सूर्य 22:27 – 23:25
शुक्र 23:25 – 24:23
बुध 24:23* – 25:21
चन्द्र 25:21* – 26:19
शनि 26:19* – 27:17
बृहस्पति 27:17* – 28:15
मंगल 28:15* – 29:13
सूर्य 29:13* – 30:11

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

मीन > 05:30 से 07:00 तक
मेष > 07:00 से 09:44 तक
वृषभ > 09:44 से 11:24 तक
मिथुन > 11:24 से 12:44 तक
कर्क > 12:44 से 15:04 तक
सिंह > 15:04 से 16:09 तक
कन्या > 16:09 से 07:21 तक
तुला > 07:21 से 09:52 तक
वृश्चिक > 09:52 से 01:04 तक
धनु > 01:04 से 02:08 तक
मकर > 02:08 से 03:58 तक
कुम्भ > 03:58 से 05:30 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

Read Also : रोगों से मुक्ति देती है देवी माँ शीतला माता Goddess Sheetla Mata Gives Freedom From Diseases

दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 14 + 5 + 1 = 35 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

***  शिव वास एवं फल ***

29 + 29 + 5 = 63 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

*** विशेष जानकारी ***

* पितृकार्यअमावस्या

* वित्तलेखा वर्ष समाप्त

*मेला पिहोवा तीर्थ (हरियाणा)

*** शुभ विचार ***

कालः पचति भूतानि कालः संहरते प्रजाः ।
कालः सुप्तेषु जागर्ति कालो हि दुरतिक्रमः ।।
।।चा o नी o।।

काल सभी जीवो को निपुणता प्रदान करता है. वही सभी जीवो का संहार भी करता है. वह जागता रहता है जब सब सो जाते है. काल को कोई जीत नहीं सकता.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

सर्वद्वारेषु देहेऽस्मिन्प्रकाश उपजायते ।,
ज्ञानं यदा तदा विद्याद्विवृद्धं सत्त्वमित्युत ॥,

जिस समय इस देह में तथा अन्तःकरण और इन्द्रियों में चेतनता और विवेक शक्ति उत्पन्न होती है, उस समय ऐसा जानना चाहिए कि सत्त्वगुण बढ़ा है॥,11॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो *** 
*** *** *** *** *** *** 
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook